पीत प्रस्तरों से निर्मित स्वर्णनगरी की खूबसूरती को और बढ़ाने वाले उत्तर-पश्चिम रेलवे के अंतर्गत आने वाले जैसलमेर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और सौन्दर्यकरण कार्य अगले साल यानी 2025 में पूरे हो जाएंगे। करीब 140 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार कार्य पिछले करीब दो वर्ष से जारी हैं और अब इसके आगामी स्वरूप से लेकर भीतरी हिस्सों के अहम हिस्से बन कर तैयार हो गए हैं। एक अनुमान के अनुसार करीब 70 प्रतिशत तक कार्य पूरा हो गया है और शेष कार्य अगले साल तक पूरा हो जाएगा। पूरी तरह से जैसलमेेरी पीले पत्थरों से करवाए जा रहे कार्यों से अब तक हुए कार्य की आभा खासी निखरी हुई प्रतीत हो रही है। स्टेशन की मुख्य इमारत का काम पूरा हो गया है। इसके साथ एमसीओ, स्टाफ क्वार्टर, कू्र लॉबी आदि के कार्य करवाए जा चुके हैं। प्लेटफार्म संख्या 2 व 3 पर छत सहित अन्य कार्य पूरे हो चुके हैं। भवन के भीतरी हिस्से में सुविधाओं के विकास और आंतरिक साज-सज्जा का कार्य करने का दौर जारी है। आधुनिकता और जैसलमेर की कला-संस्कृति को रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य में पूरी तवज्जो दी जा रही है। गौरतलब है कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन पर 140 करोड़ रुपए की लागत से 48 हजार वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र में पुनर्विकास के कार्य करवाए जा रहे हैं। स्टेशन के निर्माण कार्यों में जैसलमेर के पीत पाषाणों का इस्तेमाल करते हुए बहुमंजिला भवनों व चारदीवारी आदि के कार्य के साथ प्लेटफार्मों पर यात्रियों की सुविधा के कार्य हो रहे हैं।
रेलवे सुविधाओं के विकास की उम्मीद
-जैसलमेर रेलवे स्टेशन की पूरी तरह से कायापलट हो जाने के बाद इस पिछड़े क्षेत्र के बाशिंदों के साथ देश-दुनिया से आने वाले सैलानियों के लिए रेल सुविधाओं के विकास की भी उम्मीद जुड़ी हुई है।
-माना जा रहा है कि रेलवे स्टेशन के पूर्णतया विकसित हो जाने के बाद यहां से लम्बी दूरी की नई ट्रेनों के संचालन का सिलसिला बढ़ेगा। वर्तमान में गिनती की लम्बी दूरी की ट्रेनों का संचालन वर्तमान में होता है और उनका भी समय यात्रियों के लिए असुविधाजनक है।
-जैसलमेर को देश के चारों महानगरों दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता और चेन्नई से नियमित रूप से जोडऩे वाली ट्रेनों का संचालन एक ऐसा सपना है जो यहां के लोग पिछले करीब दो दशकों से देखते आ रहे हैं।
-जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर पुनर्विकास और सौन्दर्यकरण कार्यों के अलावा 52 करोड़ रुपए की लागत से ट्रेन अनुरक्षण डिपो का निर्माण भी अलग से करवाया जाना है। इसमें एक वॉशिंग लाइन दो हैवी रिपेयर और दो स्टेबल लाइन का भी निर्माण करवाया जाएगा। इन कार्यों से कई लम्बी दूरी की नई ट्रेनों के संचालन की राह प्रशस्त होगी।
508 स्टेशनों की कायापलट
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे के कुल 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य देश भर में जारी है। इसके तहत ही जैसलमेर में 140 करोड़ रुपए की लागत से रेलवे स्टेशन का एयरपोर्ट की तर्ज पर हो रहे पुनर्विकास के कार्य पिछले वर्ष शुरू करवाए गए थे। जैसलमेर सहित उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के 15 स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के अन्तर्गत लगभग 860 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकास किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के 15 स्टेशनों में जैसलमेर के अलावा जोधपुर, नागौर, नोखा, बाड़मेर, मेड़ता रोड, डीडवाना, गोटन, सुजानगढ़, रामदेवरा, बालोतरा, रेन, फलोदी, डेगाना व देशनोक शामिल हैं।
फैक्ट फाइल
-140 करोड़ की लागत से हो रहे रेलवे स्टेशन पर कार्य
-2025 तक कार्य पूरा होने की उम्मीद
-70 प्रतिशत कार्य लगभग हुआ पूरा
-48 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में हो रहा कार्य
करवाया जा रहा शानदार कार्य
अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत जैसलमेर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और सौन्दर्यकरण के लिए कार्य करवाया जा रहा है। अत्यंत गुणवत्ता वाले इन कार्यों से स्टेशन की खूबसूरती अभी से नजर आने लगी है। आगामी वर्ष में ये कार्य पूर्ण हो जाएंगे।
कै. शशिकिरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर-पश्चिम रेलवे, जोधपुर