Rajasthan By Election: उपचुनाव के लिए थमा प्रचार, 7 सीटों पर कौन आगे, कौन पीछे? यहां जानें पूरे समीकरण

Rajasthan By Election 2024: राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार का शोर सोमवार शाम 6 बजे थम गया है। हालांकि प्रचार बंद होने के बाद भी प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से मिल सकते हैं और उन्हें वोट देने की अपील कर सकते हैं। लेकिन इस दौरान उन्हें चुनाव आचार संहिता का पूरी तरह से पालन करना होगा।

दरअसल, राजस्थान की सात सीटों झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ पर उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

बताते चलें कि राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर अब स्थिती लगभग क्लियर हो चुकी है। हम यहां अभी तक की विभिन्न ग्राउंड रिपोर्टस, नेताओं की रैलियों में भीड़ और जातिगत समीकरण के आधार पर सीटों पर कौन आगे है, कौन पीछे हैं, इसका अनुमान लगा रहे हैं। असली परिणाम तो 23 नवंबर को ही पता चलेंगे।

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सात सीटों पर कौन आगे, कौन पीछे?

रामगढ़: इस सीट पर बीजेपी के सुखवंत सिंह और कांग्रेस के आर्यन खान के बीच सीधी टक्कर है। यहां चुनाव प्रचार के तरीके और समीकरणों के हिसाब से कांग्रेस मजबूत दिखाई दे रही है। इसके अलावा दिवंगत विधायक जुबैर खान के परिवार के प्रति सहानुभूति फेक्टर भी कांग्रेस के के पक्ष में जाता हुआ नजर आ रहा है।

दौसा: इस सीट पर बीजेपी के जगमोहन मीणा और कांग्रेस के डीसी बैरवा के बीच कांटे का मुकाबला है। लेकिन जातिगत समीकरणों, ब्राह्मण मतदाताओं की नाराजगी को दूर करने के बाद बीजेपी का पलड़ा मजबूत नजर आ रहा है। वहीं, सचिन पायलट की दो सभा होने के बाद पासा किसी भी और पलट सकता है।

झुंझुनूं: इस सीट पर बीजेपी के राजेंद्र भांबू, कांग्रेस के अमित ओला, निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र गुढ़ा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। लेकिन, मुस्लिम मतदाता इस बार जीत में अहम भूमिका निभाते हुए नजर आ रहे हैं। क्योंकि राजेन्द्र गुढ़ा मुस्लिमों के बीच जोरदार प्रचार कर रहे हैं। अभी तक के प्रचार के तरीकों से बीजेपी और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला है। राजेन्द्र गुढ़ा कितने वोट लेकर जाते हैं, हार-जीत इस पर निर्भर होगी।

खींवसर: इस सीट पर बीजेपी के रेवंतराम डांगा, कांग्रेस प्रत्याशी रतन चौधरी और RLP से सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। लेकिन असल मुकाबला बीजेपी और RLP के बीच ही नजर आ रहा है। अगर बीजेपी में भीतरघात नहीं हुई तो रेवंतराम डांगा इस बार विधानसभा पहुंच सकते हैं। वहीं, हनुमान बेनीवाल के लिए वजूद की लड़ाई है, इसलिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। इस बार भी यहां हार-जीत का अंतर कम ही रह सकता है।

देवली उनियारा: इस सीट पर बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर, कांग्रेस के केसी मीणा, निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। लेकिन नेरश मीणा की रैलियों में जुटती भीड़ तो कुछ और ही इशारा कर रही है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी के लिए मुश्किलें नजर आ रही हैं। उंट किस करवट बैठेगा ये तो 23 नवंबर को ही पता चल पाएगा।

सलूंबर: इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी शांता देवी, कांग्रेस प्रत्याशी रेशमा मीणा और BAP उम्मीदवार जीतेश कटारा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। लेकिन दिवंगत विधायक अमृलाल मीणा के परिवार के प्रति सहानुभूति फेक्टर बीजेपी के पक्ष में जाता हुआ नजर आ रहा है।

चौरासी: इस सीट पर बीजेपी के कारीलाल ननोमा, कांग्रेस के महेश रोत और BAP के अनिल कटारा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। लेकिन असली टक्कर बाप और बीजेपी के बीच ही नजर आ रही है। अभी तक की ग्राउंड रिपोर्टस के मुताबिक BAP का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।

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