हर व्यक्ति के लिए अपने सुरक्षित रिटायरमेंट की योजना बनाना उसके सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक लक्ष्यों में से एक है। गुजर-बसर करने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत और अनिश्चित पेंशन व्यवस्था को देखते हुए रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त जमा-पूंजी बनाना बेहद जरूरी है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) सबसे कारगर और अनुशासित तरीकों में से एक है। एसआईपी दरअसल लंबे समय में अपनी जमा पूंजी बनाने का बेहद आसान, सुविधाजनक और सुलभ तरीका है और इन्हीं खूबियों की वजह से यह आज के जमाने में रिटायरमेंट की योजना का आधार बन गया है।
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आर्थिक सफर को एक लंबी सड़क के रूप में देखिए
फंड्सइंडिया के सीईओ गिरिराजन मुरुगन का कहना है कि जिंदगी के अलग-अलग चरणों से गुजरते हुए हम इस बात को अच्छी तरह समझ जाते हैं कि अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना कितना मायने रखता है। अपने आर्थिक सफर को एक लंबी सड़क के रूप में देखिए, जो बिना किसी चिंता के रिटायरमेंट के अंतिम लक्ष्य पर समाप्त होती है। आपके रिटायरमेंट की जरूरतों के अनुरूप एक व्यवस्थित निवेश योजना सही मायने में आपके इस सफर को सुगम बनाने का सबसे अच्छा तरीका है। जल्दी शुरुआत करना ही आपकी रिटायरमेंट योजना की सफलता के लिए सबसे अहम है। अच्छा तो यही होगा कि जैसे ही आप कमाना शुरू करते हैं तभी इसकी शुरुआत कर देनी चाहिए। आप जितनी जल्दी इसकी शुरुआत करेंगे, आपकी संपत्तियों को बढ़ने और संयोजित होने के लिए उतना ही अधिक समय मिलेगा। एसआईपी शुरू करना एक बीज बोने की तरह है। शुरुआत में यह धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन समय के साथ चक्रवृद्धि ब्याज का जादू अपना कमाल दिखाता है। मान लीजिए कि आप अपने एसआईपी में हर महीने 30,000 रुपए का निवेश करते हैं और इसमें सालाना बढ़ोतरी नहीं करते हैं। मान लीजिए कि अगर इस पर सालाना 12 फीसदी का रिटर्न मिले, तो आपको अपने पहले 50 लाख रुपए तक पहुंचने में 8 साल लगते हैं। लेकिन, सबसे बड़ा राज तो यहीं छिपा है। चक्रवृद्धि ब्याज की ताकत के साथ, आपको अपना दूसरा 50 लाख रुपए प्राप्त करने में केवल 4 साल लगते है और तीसरा 50 लाख रुपए प्राप्त करने में केवल 3 साल लगते हैं।
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जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, उतना ज्यादा फ़ायदा
मुरुगन का कहना है कि जैसे-जैसे आपके निवेश की रकम बढ़ती है, चक्रवृद्धि ब्याज आपके रिटर्न को उसी अनुपात में बढ़ाता है और 20 साल पूरे होने तक आप अपनी जमा-पूंजी में सालाना लगभग 50 लाख रुपए जोड़ सकते है। आप जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, आपको उतना ही ज़्यादा फ़ायदा होगा। अपने आर्थिक भविष्य का भारी बोझ उठाने का काम चक्रवृद्धि ब्याज को सौंप दें। स्मार्ट निवेश सचमुच रिटायरमेंट के लिए पैसे जमा करने के सबसे सफल तरीकों में से एक है, जो ज़िंदगी के सुहाने दिनों में आपकी आर्थिक सुरक्षा और खुलकर जीने की आजादी सुनिश्चित करता है। हाल ही में एचएसबीसी के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 69 फीसदी भारतीयों को भविष्य के लिए योजना बनाना कठिन लगता है, जबकि 91 फीसदी लोग मानते हैं कि वे एक ऐसे दौर में रह रहे हैं, जहां बदलाव की रफ़्तार पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ है। अनिश्चितता के इस माहौल ने ‘निर्णय में अक्षमता’ की स्थिति को जन्म दिया है, जिसमें हर तीन में से एक उत्तरदाता निर्णय लेने में असमर्थ महसूस करता है, जिससे वे खुद को उलझन में फंसे हुए और पूरी तरह हताश महसूस करते हैं। अपनी कड़ी मेहनत से तैयार किए गए फाइनेंशियल पोर्टफोलियो पर महंगाई और लगातार घटती ब्याज दरों के प्रभाव को कम करने के लिए रिटायरमेंट की योजना बनाना बेहद जरूरी है। एसआईपी में निवेशकों को म्यूचुअल फंड में नियमित रूप से एक निश्चित रकम का निवेश करने की सुविधा मिलती है, जो दूसरे भागीदारों के फंड को मिलाकर इक्विटी सहित अलग-अलग तरह के सिक्योरिटीज़ (प्रतिभूतियों) में निवेश करता है। इससे व्यक्ति को अलग-अलग इक्विटी में निवेश की तुलना में कम जोखिम के साथ अप्रत्यक्ष रूप से शेयर बाजार में निवेश करने की सुविधा मिलती है। यह आपको कई समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है, जो इस प्रकार हैं:
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चिकित्सा व्यय में लगातार बढ़ोतरी
स्वास्थ्य सेवाओं के खर्च में लगातार हो रही बढ़ोतरी एक बड़ी चिंता का विषय है, जो खास तौर पर भारत की आबादी की बढ़ती उम्र को देखते हुए और भी गंभीर हो जाती है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के शोध के नतीजे बताते है कि साल 2030 तक भारत की जनसंख्या दुनिया की सबसे युवा आबादी में से एक रहेगी। हालांकि, इस रिपोर्ट में बुजुर्गों की आबादी में वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ चिकित्सा व्यय में भी नाटकीय रूप से वृद्धि होती है, जिससे लोगों को रिटायरमेंट के दौरान आर्थिक रूप से काफी तनाव महसूस होता है। सचमुच ऐसे मौके पर ही व्यवस्थित निवेश योजना आपकी मदद करती है। एसआईपी के ज़रिये लगातार निवेश करके, आप अचानक सामने आने वाले मेडिकल बिलों का भुगतान करने के लिए आर्थिक सुरक्षा जाल बना सकते है और इस तरह स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला खर्च आपके रिटायरमेंट के सुकून में कोई बाधा नहीं डाल पाता है।
महंगाई
महंगाई की वजह से पैसे की क्रय शक्ति लगातार कम होती है, जिसकी वजह से रिटायरमेंट की योजना बनाना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, ताकि आपकी जमा-पूंजी आपके मौजूद लाइफस्टाइल को सहारा देने के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को पूरा कर सके। बढ़ती महंगाई को बेअसर करने के लिए व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) को अपनाने की रणनीति बेहद कारगर है। एसआईपी आपको नियमित रूप से म्यूचुअल फंड में एक निश्चित राशि का निवेश करके और चक्रवृद्धि रिटर्न का लाभ उठाकर समय के साथ अपनी जमा-पूंजी को बड़ा बनाने की सुविधा देता है।
ब्याज दरों में गिरावट
सेविंग्स के पारंपरिक विकल्पों की ब्याज दरों में गिरावट के साथ, रिटायरमेंट के बाद की आय के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट या सेविंग्स प्लान पर रिटायर होने वाले लोगों का भरोसा कम होता जा रहा है। उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें 8-9 फीसदी से घटकर 5-6 फीसदी हो गई है, जिससे रिटायर होने वाले लोगों के संभावित रिटर्न सीमित हो गए हैं। इससे जाहिर होता है कि व्यक्ति के लिए अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाना बेहद महत्वपूर्ण है। एसआईपी ऐसा करने का सबसे बेहतर तरीका है। एसआईपी या व्यवस्थित म्यूचुअल फंड निवेश, जमा-पूंजी को बढ़ाते समय बाजार के झटकों और अस्थिरता का सामना करने में मदद करते है। साथ ही, इस बात का भी भरोसा देते हैं कि, रिटायरमेंट के लिए आपकी जमा-पूंजी महंगाई और कम ब्याज दरों का सामना कर सके।