कभी भी हो सकता है हादसा।
धनतेरस से पहले बीकानेर के बाजारों में खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ रही है ऐसे में शहर के व्यस्तम बाजार के बीच बने सांखला फाटक पर ट्रेन की सेंटिंग के दौरान बंद रेलवे फाटक से निकलते लोग। फोटो . नौशाद अली।
शुभ मुहूर्त में हुई खरीदारी
बीकानेर में धनतेरस के पर्व पर ज्वैलर्स आईटम की दुकान पर खरीददारी करते हुए फोटो नौशाद अली
धनतेरस पर लोगों ने सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, वाहन, वस्त्र, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की खरीदारी की। दुकानदारों का कहना है कि लोगों ने शुभ मुहूर्त में पहुंचकर खरीदारी की। कुछ लोगों ने एक दिन पहले ही मुहूर्त के हिसाब से बुकिंग करवा रखी थी। शोरूम खुलने के साथ ही लोगों को एडवांस बुकिंग की डिलीवरी देनी शुरू कर दी गई। इसके चलते ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के शोरूमों में ग्राहकी दिनभर चलती रही। फोटो नौशाद अली।
दीपोत्सव खुल गया खुशियों का ‘गेट’
बीकानेर शहर में दीपावली की रौनक मंगलवार को चरम पर रही। केईएम रोड, तोलियासर भेरूजी मार्केट और कोटगेट पर फुटकर दुकानदारों के पास सामान खरीदने के लिए लोग जुटे रहे। खासकर महिलाओं ने घरेलू जरूरत के सामान से लेकर कपड़े और जेवरात तक की खरीदारी की। फोटो नौशाद अली।
बीकानेर . कोटगेट के बाहर बीच शहर के बीच से निकलती ट्रेन और मंगलवार को धनतेरस खरीदारी के बीच लगा जाम। यहां त्योहार पर यह नजारा आम है। पिछले कई सालों से सरकारें आई और चली गई पर यहां ओवरब्रिज का मुद्दा अपनी जगह पड़ा रहा। फिर भी वादे होते रहे पर चुनाव खत्म होते ही मामला शांत हो जाता है बीकानेर शहर के लोगों के लिए यह रेल फाटक नासूर बनी हुई है जिस कारण से दिन में कई बार लोगों को पीबीएम अस्पताल जाना होता है तो यहां एंबुलेंस भी रुक जाती है। फाटक खुलने के बाद जो जाम लगता है उसके डर से कई लोग अपने रास्ते बदल लेते हैं। फाटक बंद होने के बाद यहां पर खड़े वाहन वातावरण को दूषित करते रहते हैं जिससे यहां के आसपास रहने वाले लोग सांस की तकलीफ के कारण परेशानी उठा भी रहे हैं और यह फाटक दिन में एक दर्जन से ज्यादा बाद बंद होती है। फोटो: नौशाद अली
बीकानेर में धनतेरस के पर्व पर बर्तनों की दुकान पर खरीददारी करते हुए फोटो नौशाद अली