Bhilwara news : जिंदल सॉ लिमिटेड लगातार तीसरी बार राज्य सरकार के साथ 2500 करोड़ के एमओयू की तैयारी में है। जिंदल ने स्टील प्लांट लगाने का प्रस्ताव रखा। दिलचस्प है कि जिंदल को पिछले करार के अनुसार वर्ष-2014 में पुर में स्टील प्लांट लगाना था। समय निकलता गया और खनिज अधिकारी प्लांट लगाने की अवधि बढ़ाते गए। जिंदल पहले भी दो बार ऐसे करार कर चुका है। सरकार ने वर्ष-2012 में जिंदल को डेडवास और लापिया में 1,989 हैक्टेयर के दो खनन पट्टे दिए। शर्तों के अनुसार जिंदल को दो साल में स्टील प्लांट लगाना था। शर्त पूरी नहीं करने पर खान विभाग ने 12 दिसंबर 2015 को जिंदल को नोटिस दिया। इसके बावजूद न स्टील प्लांट लगा और न नोटिस पर कार्रवाई हुई।
तीसरी बार होगा एमओयू
राइजिंग राजस्थान के तहत भीलवाड़ा 8 नवंबर को इंवेस्टमेंट समिट है। इसमें जिंदल ग्रुप के सीईओ नीरज कुमार ने फिर से 2500 करोड़ का एमओयू का प्रस्ताव दिया है। इससे पहले वसुन्धरा सरकार के दौरान स्टील प्लांट के लिए जिंदल ने 16 अक्टूबर 2015 को 2500 करोड़ का एमओयू किया। इसकी अवधि अक्टूबर-2016 को समाप्त होने पर सशर्त दो साल बढ़ाया। इसके बाद कांग्रेस सरकार में फिर से 2500 हजार करोड़ का एमओयू किया। यह समय समाप्त होने के बाद अब दिसंबर 2027 तक स्टील प्लांट लगाने का समय बढ़ा दिया।
45 बीघा जमीन मांगी
स्टील प्लांट लगाने के लिए कम्पनी ने 45 बीघा जमीन आवंटन का आवेदन किया था। वह अब भी सरकार के स्तर पर लंबित है। आवंटन की शर्तों के अनुसार 8 दिसम्बर 2012 तक पैलेटाइजेशन और 8 दिसम्बर 2014 तक स्टील प्लांट लगाना था। पैलेटाइजेशन प्लांट कंपनी लगा चुकी, लेकिन स्टील प्लांट नहीं लगाया। खान विभाग ने 19 जून 2023 को आदेश जारी कर दिसंबर 2027 तक के लिए अवधि बढ़ा दी। प्लांट नहीं लगाने पर दोनों खनन पट्टे निरस्त कर जमा 10 करोड़ रुपए जब्त करने का प्रावधान है।
करार से इनकार, फिर भी नाम
इसी तरह होटल क्षेत्र में 500 करोड़ का एमओयू करने वाले एक व्यवसायी ने बताया कि वह एमओयू से मना कर चुका है। फिर भी सूची में उसका नाम है। कांग्रेस सरकार के दौरान भी इसी होटल व्यवसायी ने 500 करोड़ का एमओयू किया था। एक टेक्सटाइल ग्रुप भी फिर से 1500 करोड़ का एमओयू कर रही है। इस ग्रुप ने कांग्रेस सरकार के समय भी 1500 करोड़ का एमओयू किया था।