प्रेसवार्ता में जाट समाज समिति के पदाधिकारियों ने कहा, जाटों का ऐसा क्या गुनाह कि नगरपरिषद की टीम बिना नोटिस दीवार तोडऩे पहुंच गई

हनुमानगढ़. नगरपरिषद टीम ने अलोकतांत्रिक तरीके से जंक्शन में जाट समाज समिति हनुमानगढ़ की कब्जाशुदा जमीन की दीवार को तोड़ा है। ऐसे में जाट समाज समिति भी इसका जवाब मजबूती से देने को तैयार है। यह बात मंगलवार को जाट समाज समिति के पदाधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में कही। जंक्शन के जाट कन्या छात्रावास में हुई प्रेसवार्ता में जाट समाज समिति के उपाध्यक्ष जयपाल झोरड़ व रामविलास चोयल ने कहा कि 1990 से यह भूमि समिति के संरक्षण में रही है। भूमि आवंटन की फाइल भी डीएलबी में लगा रखी है। परंतु नगरपरिषद ने बिना किसी नोटिस के अचानक समिति की भूमि की दीवार को तोडऩे की कार्रवाई की है। यह उचित नहीं है। समाज उत्थान के लिए हमारी समिति निरंतर प्रयासरत है। जाट कन्या छात्रावास में सर्वसमाज की छात्राओं के ठहरने के लिए आवासीय सुविधा है। नामात्र की राशि में यह सुविधा समिति उपलब्ध करवा रही है। समिति सदस्यों ने कहा कि शहर के अन्य छात्रावासों में छह हजार रुपए लिए जा रहे हैं। लेकिन जाट कन्या छात्रावास में हम तीन हजार रुपए में भोजन व आवास की सुविधा दे रहे हैं। यहां दो सौ से अधिक छात्राओं के ठहरने की सुविधा है। जिला मुख्यालय पर जाट कन्या छात्रावास के साथ लगती भूमि को व्यावसायिक शिक्षा केंद्र के लिए आवंटित करने की मांग हमारी समिति कई बरसों से करती आ रही है। डीएलबी में फाइल चल रही है। निर्धारित शुल्क जमा करवाने के लिए समिति तैयार है। जाट समाज समिति के पदाधिकारियों ने किसी समाज का नाम लिए बगैर कहा कि अन्य समाजों को भूमि आवंटित करने में नगरपरिषद की टीम दरियादिली दिखाती रही है। लेकिन जाटों ने ऐसा क्या गुनाह कर दिया है कि नगरपरिषद की टीम विधायक व सभापति की मौजूदगी में दीवार तोडऩे के लिए पहुंच रही है। छात्रावास के पास की भूमि को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। चेतावनी दी कि इसे जाट समाज समिति के लोग कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। नगरपरिषद की कार्रवाई का जवाब देने के लिए ही समाज समिति ने इस भूमि पर तेजाजी का मंदिर बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा बालिकाओं के लिए यहां पर व्यवसायिक केंद्र का संचालन भी करेंगे। भूमि मिलने पर छात्रावास में रहने वाली छात्राओं के लिए खेल मैदान भी विकसित करने की येाजना है। अध्यक्ष जोतराम नोजल, एडवोकेट रामकुमार कस्वां, दयाराम डोटासरा, राज महला आदि ने विचार रखे।

यह कैसे खिलाड़ी
प्रेसवार्ता में एक सवाल के जवाब में जाट समाज समिति के उपाध्यक्ष जयपाल झोरड़ ने कहा कि चार दिवारी बनाकर स्टेडियम का निर्माण किया जाता रहा है। ताकि खिलाड़ी नियमित अभ्यास कर सकें। लेकिन यहां पहली बार ऐसा हुआ है जब दीवार तोडकऱ खिलाडिय़ों को मैदान में प्रवेश देने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि जो खिलाड़ी अभ्यास करना चाहते हैं वह सामने स्टेडियम में जा सकते हैं। जाट कन्या छात्रावास के समीप की भूमि जाट समाज समिति के संरक्षण में है। इस भूमि के आवंटन की अनुशंसा भी सक्षम स्तर पर की गई थी। लेकिन किसी कारण से आवंटन नहीं हो सका। हम लोग समिति के संरक्षण में पड़ी उक्त भूमि में से एक इंच भूमि भी किसी को नहीं लेने देंगे। हमारी मांग है कि नगर परिषद की टीम जाट समाज समिति को उक्त भूमि नियमानुसार राशि लेकर आवंटित करे।

कमी तो रही है
एक सवाल के जवाब में जाट समाज समिति के पदाधिकारियों ने स्वीकार किया कि हममें कुछ कमी तो रही है। इसलिए इतने बरसों में हमारे समाज के कुछ जनप्रतिनिधियों के सरकार में रहने के बावजूद भूमि आवंटन नहीं करवा सके। जिस कारण से भी देरी हुई हो लेकिन अब हम नगर परिषद से तत्काल जाट कन्या छात्रावास के समीप की भूमि को समिति के नाम आवंटित करने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए निर्धारित शुल्क भी समिति जमा करवाने को तैयार है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमारी समिति निरंतर प्रयासरत है। इस सोच को और आगे बढ़ाने के लिए छात्रावास के पास व्यवसायिक केंद्र संचालन व खेल मैदान विकसित करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए समिति को भूमि की आवश्यकता है।

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