पुनीत शर्मा
प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान इस बार 1 जुलाई से 15 सितंबर तक आसमान में बादलों का डेरा रहा और सूरज भी पूरे ढाई महीने बादलों के पीछे छिपा रहा। इस दौरान शहर में घरों की छत पर लगे सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन भी घट कर आधे से भी कम रह गया। लेकिन अब सूरज की चमक ने फिर से छतों पर लगे सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन को चमका दिया है। अब आठ से 10 घंटे सूरज खूब चमक रहा है और एक किलोवाट सौलर पैनल से 4 यूनिट से भी ज्यादा बिजली का उत्पादन हो रहा है। अब नवंबर में बिजली का बिल सोलर उपभोक्ताओं के राहत देने वाला साबित होगा।
अतिरिक्त बिजली के कारण बढ़ा बिल
मानसून के दौरान पूरे ढाई महीन सोलर उत्पादन आधे से भी कम रहा। उधर गर्मी,उमस के कारण घरों में एसी,पंखे कूलर और अन्य विद्युत उपकरण खूब चले। सोलर से बिजली का उत्पादन कम होने और ग्रिड से अतिरिक्त बिजली लेने के कारण सोलर उपभोक्ताओं के बिजली बिल में पांच से आठ हजार रुपए तक का इजाफा हो गया। जिससे उनकी चिंता बढ़ गई कि सोलर लगाने के बाद भी इतना बिल कैसे आ रहा है।
15 दिन में एक बार पानी से साफ करें
एक्सपर्ट का कहना है कि उत्पादन कम नहीं हो इसके लिए 15 दिन में सौलर पैनल को पानी से साफ करें या सूखे कपड़े से साफ करें।
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बारिश के दौरान कम हुआ उत्पादन
डिस्कॉम इंजीनियरों का कहना है कि अब आसमान साफ हो गया है और दिन में सूरज खूब चमक रहा है। जहां बारिश के दौरान एक किलोवाट सोलर प्लेट से दिन भर में 2 यूनिट से भी कम बिजली बन रही थी वहीं अब 4 यूनिट से भी ज्यादा बिजली का उत्पादन मिल रहा है।
तीनों डिस्कॉम के सोलर उपभोक्ता
जयपुर डिस्कॉम :
सोलर कनेक्शन – 30,946
उत्पादन क्षमता – 628 मेगावाट
जोधपुर डिस्कॉम :
कनेक्शन – 22,286
उत्पादन क्षमता – 443 मेगावाट
अजमेर :
सोलर कनेक्शन – 15,849
उत्पादन क्षमता – 497 मेगावाट
उपभोक्ता हैं प्रदेश में – 72,081
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80% तक कम आता है बिजली बिल सौर प्लांट लगाने पर।
10 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं जयपुर शहर में।
15 हजार से ज्यादा सौलर उपभोक्ता हैं।
01 किलोवाट सोलर पैनल से 4 यूनिट से ज्यादा बिजली।
72 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं को लाभ
सौलर एक्सपर्ट का कहना है कि अब नवंबर से अप्रेल तक दिन का तापमान 30 से 35 डिग्री तक रहेगा और सौर उर्जा प्लांट से बिजली बनाने के लिए इसे गुणवत्ता वाली धूप माना जाता है। इसके बाद मई और जून में भले ही 45 डिग्री तापमान की तीखी धूप से उतनी बिजली नहीं बनेगी। नवंबर से अप्रेल तक प्रदेश के 72 हजार से अधिक सोलर उपभोक्ताओं को इस दौरान बनने वाली बिजली से फायदा मिलेगा और बिजली बिल में राहत मिलेगी। एक्सपर्ट का कहना है जब ज्यादा तापमान होता है तब बिजली कम बनती है। अब बाजार में दोनों तरफ से बिजली का उत्पादन करने वाली सौलर प्लेट्स भी उपलब्ध हैं।