नवंबर के बिल में मिलेगी उपभोक्ताओं को राहत, 72 हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं के लिए आई बड़ी खुशखबरी

पुनीत शर्मा
प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान इस बार 1 जुलाई से 15 सितंबर तक आसमान में बादलों का डेरा रहा और सूरज भी पूरे ढाई महीने बादलों के पीछे छिपा रहा। इस दौरान शहर में घरों की छत पर लगे सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन भी घट कर आधे से भी कम रह गया। लेकिन अब सूरज की चमक ने फिर से छतों पर लगे सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन को चमका दिया है। अब आठ से 10 घंटे सूरज खूब चमक रहा है और एक किलोवाट सौलर पैनल से 4 यूनिट से भी ज्यादा बिजली का उत्पादन हो रहा है। अब नवंबर में बिजली का बिल सोलर उपभोक्ताओं के राहत देने वाला साबित होगा।

अतिरिक्त बिजली के कारण बढ़ा बिल

मानसून के दौरान पूरे ढाई महीन सोलर उत्पादन आधे से भी कम रहा। उधर गर्मी,उमस के कारण घरों में एसी,पंखे कूलर और अन्य विद्युत उपकरण खूब चले। सोलर से बिजली का उत्पादन कम होने और ग्रिड से अतिरिक्त बिजली लेने के कारण सोलर उपभोक्ताओं के बिजली बिल में पांच से आठ हजार रुपए तक का इजाफा हो गया। जिससे उनकी चिंता बढ़ गई कि सोलर लगाने के बाद भी इतना बिल कैसे आ रहा है।

15 दिन में एक बार पानी से साफ करें

एक्सपर्ट का कहना है कि उत्पादन कम नहीं हो इसके लिए 15 दिन में सौलर पैनल को पानी से साफ करें या सूखे कपड़े से साफ करें।

यह भी पढ़ें : Good News: राजस्थान के इन 6 जिलों को लगेंगे विकास के पंख, 3200 करोड़ की लागत से पूरे होंगे ये प्रोजेक्ट

बारिश के दौरान कम हुआ उत्पादन

डिस्कॉम इंजीनियरों का कहना है कि अब आसमान साफ हो गया है और दिन में सूरज खूब चमक रहा है। जहां बारिश के दौरान एक किलोवाट सोलर प्लेट से दिन भर में 2 यूनिट से भी कम बिजली बन रही थी वहीं अब 4 यूनिट से भी ज्यादा बिजली का उत्पादन मिल रहा है।

तीनों डिस्कॉम के सोलर उपभोक्ता

जयपुर डिस्कॉम :

सोलर कनेक्शन – 30,946

उत्पादन क्षमता – 628 मेगावाट

जोधपुर डिस्कॉम :

कनेक्शन – 22,286

उत्पादन क्षमता – 443 मेगावाट

अजमेर :

सोलर कनेक्शन – 15,849

उत्पादन क्षमता – 497 मेगावाट

उपभोक्ता हैं प्रदेश में – 72,081

यह भी पढ़ें : KDA की बड़ी खुशखबरी, घटाई चंबल रिवर फ्रंट की टिकट दरें, इस गार्डन में घूमना हुआ एकदम FREE

80% तक कम आता है बिजली बिल सौर प्लांट लगाने पर।
10 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं जयपुर शहर में।
15 हजार से ज्यादा सौलर उपभोक्ता हैं।
01 किलोवाट सोलर पैनल से 4 यूनिट से ज्यादा बिजली।

72 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं को लाभ

सौलर एक्सपर्ट का कहना है कि अब नवंबर से अप्रेल तक दिन का तापमान 30 से 35 डिग्री तक रहेगा और सौर उर्जा प्लांट से बिजली बनाने के लिए इसे गुणवत्ता वाली धूप माना जाता है। इसके बाद मई और जून में भले ही 45 डिग्री तापमान की तीखी धूप से उतनी बिजली नहीं बनेगी। नवंबर से अप्रेल तक प्रदेश के 72 हजार से अधिक सोलर उपभोक्ताओं को इस दौरान बनने वाली बिजली से फायदा मिलेगा और बिजली बिल में राहत मिलेगी। एक्सपर्ट का कहना है जब ज्यादा तापमान होता है तब बिजली कम बनती है। अब बाजार में दोनों तरफ से बिजली का उत्पादन करने वाली सौलर प्लेट्स भी उपलब्ध हैं।

Leave a Comment