– आयुक्त बोले- मेले की व्यवस्थाओं की एक निविदा करने पर विचार, पर अभी फाइनल नहीं
– धौलपुर शरद मेला
धौलपुर. प्रसिद्ध शरद मेला का आयोजन नजदीक है लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है। मेल के का आयोजन संभवताया आगामी 2 नवम्बर से होना है। लेकिन अभी तक दुकानदारों को भूखण्ड मिलने की प्रक्रिया भी पूर्ण नहीं हो पाई है। स्थानीय और अन्य जिलों से मेले में दुकान लगाने वाले एक दर्जन दुकानदार नगर परिषद कार्यालय पहुंचे थे लेकिन नहीं भूखण्ड प्रक्रिया नहीं हो पाने से वह मायूस होकर लौट गए। उधर, नेता प्रतिपक्ष कुक्कू शर्मा ने नगर परिषद प्रशासन पर आरोप लगाया कि यह शरद मेले को अपने चहेतों को ठेका पर देना चाहते हैं। आरोप है कि इससे व्यवस्था बिगड़ेंगी, नगर परिषद को स्वयं मेला का आयोजन करना चाहिए। वहीं, परिषद प्रशासन का कहना है कि मेले की संपूर्ण व्यवस्थाओं को लेकर टेण्डर निकालने का प्रस्ताव है, जिस पर मंथन चल रहा है लेकिन अभी फाइनल नहीं है।
टेंट, बिजली और न ही हुए भूखण्ड हुए आवंटित
बता दें कि शरद मेले में आने वाले दुकानदारों के लिए मेले के आयोजन से पूर्व ही भूखण्ड काटने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। नगर परिषद ने मेले में भूखण्ड लेने के लिए 25 अक्टूबर की तिथि घोषित की थी। जिस पर शुक्रवार को परिषद कार्यालय में भरतपुर, करौली, आगरा, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, मुरैना व ग्वालियर समेत अन्य स्थानों से दुकानदार भूखण्ड के लिए पहुंचे थे। लेकिन भूखण्ड की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। वहीं, इससे पहले मेले में टेंट, लाइट समेत अन्य सामानों के लिए 22 अक्टूबर को निविदा खुलनी थी लेकिन वह भी अभी तक नहीं खुल पाई है।
कंगाली के दौर से गुजर रही नगर परिषद
बता दें कि नगर परिषद पर इन दिनों बजट की खासी किल्लत बनी हुई है। बजट नहीं होने के चलते शहर में हुए जलभराव के कार्य में मशीनरी का उपयोग भी समय पर नहीं हो पाया था। जिससे आमजन को परेशानी उठानी पड़ी थी। बिजली बिल नहीं भरने से दो दिन पहले विद्युत निगम ने परिषद कार्यालय की बिजली तक काट दी थी, जिस पर दोनों विभागों में बवाल हो गया। जैसे-तैसे बाद में आपूर्ति बहाल हुुई है। वहीं, दशहरा पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले और आतिशबाजी करने तक के लिए बजट नहीं था। जिस पर जिला प्रशासन ने भामाशाह की मदद से आयोजन करवाया। सूत्रों के अनुसार परिषद प्रशासन मेले की व्यवस्थाओं पर ठेके पर देकर एकमुश्त राशि लेना चाह रही है, जिससे उसे मुनाफा हो सके। उधर, इस प्रक्रिया पर नेता प्रतिपक्ष कुक्कू शर्मा गंभीर आरोप लगा रहे हैं। आरोप है कि परिषद प्रशासन अपने चहेतों को मेला ठेका पर देना चाह रहे हैं। विरोध करते हुए कहा कि परिषद को खुद मेले का आयोजन करना चाहिए।
संभाग में नुमाइश के बाद बड़ा है शरद मेला
भरतपुर संभाग में शरद मेला खासी पहचान रखता है। यह भरतपुर शहर में आयोजित होने वाले नुमाइश मेले के बाद दूसरे नम्बर पर आता है। धौलपुर शरद मेला पहले शरद पूर्णिमा से प्रारभ्म हो जाता था। लेकिन कोरोना के बाद अब यह दिवाली के त्योहार के बाद लगता है। इस मेले में भरतपुर संभाग समेत यूपी और एमपी के बड़ी संख्या में दुकानदार पहुंचते हैं।
– शरद मेले के लिए कुछ निविदाएं 22 अक्टूबर को निकलनी थी लेकिन वह अभी तक नहीं निकली हैं। नगर परिषद प्रशासन ने व्यवस्थाओं को लटका रहा है। ये मेले को अपने चेहतों को ठेका पर देना चाहते हैं।
– कुक्कू शर्मा, नेता प्रतिपक्ष, नगर परिषद धौलपुर
– भूखण्ड होने थे लेकिन फिलहाल रोक दिए हैं। मेले की व्यवस्थाओं के लिए एक टेण्डर निकालने का प्रस्ताव है। केवल स्टेज परिषद के पास रहेगी। इस पर विचार हो रहा है, उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
– अशोक शर्मा, आयुक्त, नगर परिषद धौलपुर