नागौर के किसानों ने की प्रदेश में सबसे ज्यादा ऑनलाइन गिरदावरी

नागौर. नागौर (डीडवाना-कुचामन सहित) जिले के किसानाों ने इस बार ऑनलाइन गिरदावरी करने में पहला स्थान प्राप्त किया है। खास बात यह है कि डिजिटल क्रॉप सर्वे में किसानों के साथ सर्वेयर व पटवारियों की ओर से किए गए सर्वे में भी नागौर पहले पायदान पर है। नागौर/डीडवाना-कुचामन जिले में खरीफ गिरदावरी 2081 अंतर्गत किसान/पटवारी स्तर से शत प्रतिशत कार्य पूर्ण होने के बाद आरआई व तहसीलदार स्तर से भी गिरदावरी जांच/अप्रूव्ड कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। राज्य सरकार की मंशानुसार किसान स्वयं गिरदावरी कर गिरदावरी कार्य में आत्मनिर्भर बने, इस योजना के अंर्तगत इस बार खरीफ गिरदावरी में किसान स्तर से जिले में 59,124 खसरों की गिरदावरी कर नागौर जिला प्रदेश में टॉप रहा है। इसके अंतर्गत जिले के किसानों ने जागरुकता का परिचय देते हुए एक जागरूक किसान के नाते गिरदावरी स्वयं करना सीखे एवं अपनी फसल की गिरदावरी स्वयं की। पिछली खरीफ गिरदावरी 2080 में भी जिले का लगभग यही आंकड़ा था एवं प्रदेश में जिला टॉप पर था। किसान स्तर से इस बार 42,974 खसरों की गिरदावरी के साथ द्वितीय स्थान पर जयपुर जिला रहा, जबकि 17,944 खसरों की गिरदावरी के साथ जोधपुर जिला तृतीय स्थान पर है।

गौरतलब है कि किसानों को भी अपनी फसल की गिरदावरी अपने स्तर से करने का मौका मिले, इसके लिए प्रदेश में राज्य सरकार ने इस बार गिरदावरी कार्य एक माह पहले ही 15 अगस्त से ही प्रारम्भ किया था। जिसके लिए जिला स्तर एवं पटवारी स्तर से किसानों को अधिक से अधिक प्रेरित कर उक्त कार्य के लिए जागरूक किया।

किसान नि:शुल्क डाउनलोड कर सकते हैं

डीडवाना कलक्ट्रेट कार्यालय के भू-अभिलेख निरीक्षक कपिल देव शर्मा ने बताया कि गिरदावरी अप्रूव्ड के बाद कोई भी किसान घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से https://webgirdawari.rajasthan.gov.in/Web/GirdawariDoc पर डिजिटल गिरदावरी नकल नि:शुक प्राप्त कर सकते हैं एवं जहां भी आवश्यकता हो, इस नकल का उपयोग कर सकते हैं। राज्य सरकार के निर्देशानुसार डिजिटल नकल हर विभाग में मान्य होती हैं। शर्मा ने बताया कि राजस्व मंडल राजस्थान अजेमर के निर्देशानुसार इस बार जिले के 75 प्रतिशत गांवों में डीसीएस (मौके पर जाकर जिओ टेग फोटो युक्त) गिरदावरी करने का प्रावधान रखा था। ताकि वास्तविक फसल का आकलन हो सके एवं डिजिटल फोटो युक्त गिरदावरी से राज्य सरकार की विभिन्न योजना के लिए डेटा मिल सके। जिसके अंर्तगत भी जिले के पटवारियों ने काफी मेहनत करते हुए 1,70,398 खसरों की डीसीएस गिरदावरी कर उक्त कार्य को अंजाम दिया। यह आंकड़ा भी प्रदेश में सर्वोच्च रहा।

प्रदेश में जिला वार डिजिटल क्रॉप सर्वे (डीसीएस) की स्थिति

जिला – तहसील – पटवार – गांव – खसरे – किसान गिरदावरी – कुल गिरदावरी

नागौर – 17 – 466 – 1619 – 11,26,951 – 49,922 – 2,20,320

जोधपुर – 20 – 400 – 1695 – 7,92,922 – 15,930 – 1,61,866

सीकर – 13 – 337 – 1099 – 8,76,990 – 5,366 – 1,48,094

चूरू – 10 – 262 – 841 – 4,71,271 – 1043 – 1,33,586

अजमेर – 16 – 467 – 920 – 17,42,793 – 6,767 – 1,28,279

झुंझुनूं – 12 – 300 – 829 – 6,55,949 – 1403 – 1,12,190

जयपुर – 24 – 562 – 1557 – 19,94,368 – 41,417 – 1,22,059

बाड़मेर – 20 – 314 – 1704 – 6,96,149 – 5,380 – 78,070

झालावाड़ – 12 – 323 – 1227 – 10,18,233 – 4,417 – 69,649

पाली – 10 – 371 – 914 – 8,79,053 – 4,510 – 62,827

अलवर – 24 – 431 – 1037 – 17,58,881 – 12,788 – 70,894

जालोर – 10 – 259 – 636 – 8,23,982 – 3,089 – 57,005

चित्तौडगढ़़ – 12 – 278 – 1128 – 12,37,725 – 10,535 – 57,170

डिजिटल क्रॉप सर्वे में नागौर के आसपास भी नहीं कोई

गिरदावरी का कार्य डिजिटलाइज करने के लिए राज्य सरकार ने इस बार काफी जोर दिया था, जिसमें किसानों के साथ पटवारियों एवं सर्वेयर को भी लगाया गया। हालांकि ऐप में दिक्कत आने के कारण यह कार्य पूरी तरह नहीं हो पाया, लेकिन फिर भी सभी जिला में यह कार्य किसानों के साथ सरकारी कर्मचारियों ने भी किया। इसमें नागौर (डीडवाना-कुचामन सहित) के किसानों की ओर से किए गए कार्य के आसपास भी दूसरे जिले नहीं रहे। प्रदेश की स्थिति पर नजर डालें तो राजस्थान में कुल 387 तहसीलें और 8488 पटवार सर्किल हैं। प्रदेश में कुल 4 करोड़, 48 लाख, 84 हजार, 744 खसरे हैं, जिनमें 2 लाख, 29 हजार, 271 खसरों का डिजिटल क्रॉप सर्वे किसानों ने किया है, वहीं कुल डिजिटल सर्वे 17 लाख, 82 हजार, 248 खसरों का किया गया है।

जिले के किसानों का सराहनीय प्रयास

नागौर के साथ डीडवाना-कुचामन जिले के किसानों ने अधिक से अधिक प्रयास कर खरीफ गिरदावरी अपने स्तर से करने का प्रयास किया है। आगे भी रबी गिरदावरी में इसी तरह अधिक से अधिक प्रयास जारी रखें एवं गिरदावरी स्वयं के स्तर से करें। ताकि राज्य सरकार की मंशानुसार गिरदावरी कार्य में किसान की पटवारी स्तर पर निर्भरता नहीं रहे एवं फसल का सही आंकलन होकर गिरदावरी कार्य समय पर पूर्ण हो सके।

– पुखराज सेन, जिला कलक्टर, डीडवाना-कुचामन

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