जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि के निर्देश पर कृषि विभाग ने रविवार को एक अवैध गोदाम पर छापा मारकर 305 थैले नकली डीएपी और अन्य उर्वरक जब्त करने की कार्रवाई की। इन दिनों किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल रही है। ऐसे में खाद की कालाबाजारी के साथ ही नकली खाद बनाकर बेचने की शिकायतें लम्बे समय से मिल रही थीं। पर जिला प्रशासन ने कृषि विभाग को टीम बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
यह सब कुछ मिला गोदाम से
संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी के नेतृत्व में सहायक निदेशक भैराराम गोदारा, सुभाष विश्नोई, महेन्द्र प्रताप, ओमप्रकाश तर्ड, धन्ना राम बेरड़, मुकेश गहलोत, प्रदीप चौधरी की टीम ने मयूर विहार कॉलोनी में अवैध गोदाम की तलाशी ली। यहां से नकली डीएपी व अन्य फर्टीलाइजर के 305 थैले रखे मिले। गोदाम में मोलासेज पोटाश के 50 बैग, सागारिका के 3 बैग और 1900 खाली बैग के साथ दो सिलाई मशीन से पैकेज करते 10 श्रमिकों को भी पकड़ा गया।
कार्रवाई के दौरान भागा एक शख्स
संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी ने बताया कि यह अवैध गोदाम प्लॉट बी-53 मकान मालिक दयालदान के नाम से रजिस्टर्ड है। इसे निकित लाम्बा पुत्र सत्यवीरसिंह लाम्बा निवासी हम्मीर बास झुंझनूं को किराया पर दिया हुआ है। नकली डीएपी व अन्य सामग्री का यहां अवैध भंडारण के साथ पैकेजिंग कार्य कराया जा रहा था। श्रमिक परविन्द्र ने बताया कि कार्रवाई के दौरान अजय नाम का व्यक्ति मौके से भाग निकला। मौके पर बरामद नकली डीएपी व अन्य के कट्टे टीम ने सीज कर दिए। इसके साथ ही 1900 थैले मौके से खाली भी बरामद हुए हैं। इसके अलावा एक प्रतिष्ठित फर्म के 13 नकली छपे थैलों व एक फर्टीलाईजर कंपनी के 53 खुद के राॅ-मेटेरियल के 1900 कट्टों में नकली फर्टीलाइजर का भण्डारण किया जा रहा था। कार्यवाही के दौरान सीआई सुरेन्द्र पचार भी टीम के साथ पहुंच गए।