Rajasthan News: खबर राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सूरतगढ़ क्षेत्र में एक किसान की मधुमक्खियों के हमले में मौत हो गई, जिसने पूरे परिवार को झकझोर दिया है। यह घटना गुरुवार को हुई, लेकिन मासूम बच्ची रह – रहकर अपने दादाजी के पास जाने के लिए रोए जा रही है। दरअसल यह हादसा उस समय हुआ जब 58 वर्षीय रोहिताश अपने परिवार के साथ खेत में काम कर रहे थे। उनका बेटा प्रदीप और परिवार की अन्य महिलाएं खेत में सिंचाई के लिए पाइप लाइन बदलने में जुटे थे।
इस दौरान, अचानक मधुमक्खियों का एक बड़ा झुंड उन पर टूट पड़ा। 2 साल की उनकी पोती युविका… जो अपने दादा के पास खेल रही थी, को बचाने के लिए रोहिताश ने उसे अपने सीने से लगाकर जमीन पर लेट गए। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना पोती को मधुमक्खियों के डंक से बचाने का प्रयास किया।
परिवार के अन्य सदस्य भी मधुमक्खियों के हमले में घायल हुए। प्रदीप ने बताया कि उन्होंने दौड़कर कंबल लाने की कोशिश की, लेकिन तब तक पिता रोहिताश के शरीर पर दर्जनों डंक लग चुके थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि एनाफ़िलेक्टिक शॉक के कारण उनकी मौत हो गई। छोटी बच्ची अभी तक यह समझ नहीं पा रही है कि उसके दादाजी को कहां ले जाया गया है और वे वापस कब आएंगे।
डॉक्टर्स का कहना है कि मधुमक्खियों के हमले के समय सही उपचार न मिलने पर यह स्थिति जीवन के लिए गंभीर हो सकती है। मधुमक्खी का डंक शरीर में तेजी से प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है, जिससे रक्तचाप में गिरावट और घबराहट होती है। इस दौरान सही दवाएं नहीं दी जाएं तो जान तक जा सकती है। इस केस में संभवतः ऐसा ही हुआ है। उधर त्योहार से पहले परिवार यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है कि परिवार के मुखिया ने इस तरह से दुनिया छोड़ दी है। युवका अपने दादा को याद किए जा रही है। उसे नहीं पता कि अब उसके दादाजी वापस नहीं आएंगे।