राजस्थान में अल्प मानदेय में काम करने वाली महिला कुक को भी समय पर पैसा नहीं मिले तो उनकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा जाती है। ऐसा ही सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत पोषाहार पकाने वाली कुक को पिछले करीब 6 माह से मानदेय नहीं मिल पा रहा है। जिससे उनका दीपावली का पर्व फीका पड़ता दिख रहा है। शिक्षक संगठनों ने राज्य सरकार को ज्ञापन देकर दीपावली से पहले मानदेय देने की मांग की है।
जानकारी अनुसार सरकार ने मिड डे मील योजना के तहत सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक के बालक बालिकाओं को पोषाहार खिलाने के प्रावधान है। बच्चों को पोषाहार बनाकर खिलाने के लिए महिला कुक कम हेल्पर मानदेय पर लगा रखी है। जिन्हें प्रतिमाह 2143 रुपए मानदेय दिया जाता है। पोषाहार पकाने वाली कुक का पूरा समय ही स्कूल में खप जाता है, ऐसे में वे दूसरा काम भी नहीं कर पाती है। पोषाहार पकाने वाली कुक ने बताया कि उन्हें करीब 6 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है। जिसे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें कम मानदेय मिलता है, वह भी समय पर नहीं मिल पा रहा है। शाहपुरा ब्लॉक की 198 स्कूलों में करीब 340 कुक मिड डे मील के तहत पोषाहार पकाने का काम कर रहे है। 50 बच्चों पर एक, 150 पर दो और 150 से अधिक नामांकन पर 3 कुक कम हेल्पर लगाने का प्रावधान है।
प्रदेश के कई जिलों में नहीं मिला मानदेय….
अध्यापकों ने बताया कि शाहपुरा ब्लॉक सहित प्रदेश के कई जिलों में पोषाहार पकाने वाली महिलाओं को 6 माह से ज्यादा समय से मानदेय नहीं मिल पाया है। कुक कम हेल्पर अधिकांशतया गरीब परिवारों की महिलाएं है, समय पर मानदेय नहीं मिलने से इनकी आर्थिक स्थिति भी दयनीय होती जा रही है।
शिक्षक संगठनों ने उठाई आवाज….
मिड डे मील योजना के तहत कन्वर्जन व कुक कम हेल्पर के मानदेय के भुगतान की मांग को लेकर कई शिक्षक संगठनों ने आवाज उठाई है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने शिक्षामंत्री मदन दिलावर को ज्ञापन भेजकर प्रदेश के कई सरकारी विद्यालयों में पोषाहार पकाने वाली महिला कुक को मानदेय का भुगतान किया जाए ताकि वे भी खुशियों के साथ दीपावली पर्व मना सकें।(कासं)
इनका कहना है….
अप्रेल से ही कुक कम हेल्परों का मानदेय बकाया चल रहा है। मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। बजट जारी होते ही मानदेय का भुगतान करवा दिया जाएगा।
–बाबूलाल कुमावत, सीबीईओ शाहपुरा