यह कैसी ओडीएफ पंचायत समिति… लाखों खर्च के बाद भी खंडहर बने सार्वजनिक शौचालय

गौतम पटेल/सराड़ा (सलूम्बर). एक ओर जहां सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपए खर्च कर हर ग्राम पंचायत के गांव, मजरों, ढाणियों में सार्वजनिक शौचालय बनाकर लोगों को सुविधा उपलब्ध करवा रही है। वहीं, सराड़ा पंचायत समिति को तो ओडीएफ तक घोषित किया हुआ है। मगर, हाल ये है कि हर ग्राम पंचायत में गंदगी की भरमार है। स्वच्छता के नाम पर कचरे के ढेर लगे हुए है। वहीं, खुले में शौच नहीं करने के उद्देश्य से बनाए गए सार्वजनिक शौचालयों का तो उपयोग भी नहीं किया जा रहा। लाखों की लागत से बने शौचालय खंडहर में तब्दील होते जा रहे है। लेकिन इस ओर सम्बंधित ग्राम पंचायत के साथ पंचायत समिति भी ध्यान नहीं दे रही है।

ग्रामीणों ने बताया कि पूरी पंचायत समिति ओडीएफ घोषित होने के बावजूद स्वच्छता के नाम पर खुली धज्जियां उड़ रही है। पंचायत समिति क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन अभियान व ओडीएफ के तहत हर ग्राम पंचायत पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करवाया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में स्वच्छता व आमजन स्वस्थ रहे, लेकिन परिणाम विपरीत ही नजर आ रहे है। पंचायतों में शौचालय के लिए करीब 2 से 3 लाख रुपए खर्च किए, लेकिन ग्राम पंचायत प्रशासन की लापरवाही के चलते ये खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। कई जगह शौचालय निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया। साथ ही शौचालय पर उचित व्यवस्था तक नहीं की, जिसके चलते लोगों ने ही शौचालय को नकार दिया और उनका उपयोग करना छोड़ दिया।

आबादी से दूर बना दिए शौचालय, नहीं की कोई व्यवस्था

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायताें में सार्वजनिक शौचालय तो बनाए गए, लेकिन स्थान का चयन सही नहीं किया गया। पंचायत ने आबादी क्षेत्रों से दूर इन शौचालयों को बना दिया। जिसका परिणाम यह रहा कि यहां न तो लाइट की व्यवस्था हुई और ना ही पानी की। बिजली व पानी की व्यवस्थाओं के अभाव में लोग इनका उपयोग नहीं कर पा रहे है। कई शौचालयों के बाहर तो ताले लगे हुए है।

खंडहर जैसे हालात, कचरे के ढेर बनी समस्या

सगतड़ा ग्राम पंचायत के ढाकरडा राजस्व गांव में शौचालय को नाले में यहां बनाया गया। जो खंडहर हालत में है। वहीं, ग्राम पंचायत की सड़कों पर कचरे के ढेर लगे हुए। कातनवाड़ा में बने शौचालय पर आज भी ताले लटके हुए है। राजकीय विद्यालय के पास व अन्य जगहों पर गंदगी की भरमार है। चावंड को छोड़कर सभी ग्राम पंचायतों में बने शौचालय की स्थिति खराब है। ग्राम पंचायत व संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों ने निर्माण के बाद नजरअंदाज कर दिया। जहां सफाई को लेकर भी ध्यान नहीं दिया। जिस कारण गांव के ग्रामीणों को इन शौचालयों का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

इनका कहना है….

सभी ग्राम पंचायतों में बने सार्वजनिक शौचालय की नियमित साफ-सफाई एवं ताला खोलने के लिए पाबंद करता हूं। भविष्य में नियमित साफ-सफाई का कार्य किया जाएगा।

-केदारनारायण चौधरी, विकास अधिकारी, सराडा

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