खुशालसिंह भाटी
Jalore News: राजस्थान बजट में घोषित प्रदेश के 8 ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेस प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर (डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की कवायद पूरी कर ली गई है। इसके लिए टैंडर प्रक्रिया पूरी होने के साथ 23 अक्टूबर बुधवार को टैंडर भी खुल चुके हैं। यह पूरी प्रक्रिया पीडब्ल्यूडी (एनएच) जयपुर के अंतर्गत हो रही है। अब एजेंसी के निर्धारण के साथ जल्द से जल्द प्रोजेक्ट के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का कार्य पूरा हो जाएगा।
इस प्रोजेक्ट में जालोर के भविष्य से जुड़ा अहम प्रोजेक्ट जालोर-झालावाड़ ग्रीन एक्सप्रेस वे भी शामिल है। जो जालोर जिले की इकॉनोमी को भविष्य में रफ्तार देने वाला है। बता दें टैंडर प्रक्रिया 5 सितंबर से शुरू की गई थी और डिटेल रिपोर्ट में प्रोजेक्ट कॉस्ट का आंकलन हो पाएगा। हालांकि प्रारंभिक आंकलन में यह महत्वपूर्ण प्राजेक्ट 10 हजार 300 करोड़ रुपए का आंका गया है।
जालोर के लिए इस तरह की कनेक्टिविटी का प्रोजेक्ट
जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस वे जालोर जिले के पास से होकर गुजर रहे अमृतसर-जामनगर इकॉनोमी कोरिडोर से जुड़ेगा। इसी तरह यह एक्सप्रेस वे झालावाड़ के निकट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा।
सभी 8 प्रोजेक्ट के लिए बन रही डीपीआर
मुख्यमंत्री बजट घोषणा में प्रदेश के 8 एक्सप्रेस घोषित किए गए। इन 8 एक्सप्रेस वे के लिए डीपीआर बनने वाली है। बजट घोषणा के अनुसार ये प्रोजेक्ट है, जिनकी डीपीआर बनेगी।
1- जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस वे 402 किमी 10300 करोड़ अनुमानित लागत
2- कोठपुतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे 181 किमी 4788 करोड़ अनुमानित लागत
3- जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस वे 193 किमी 4696 करोड़ अनुमानित लागत
4- बीकानेर-कोठपुतली एक्सप्रेस वे 295 किमी 6301 करोड़ अनुमानित लागत
5- ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस वे 342 किमी 8339 करोड़ अनुमानित लागत
6- अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस वे 358 किमी 8934 करोड़ अनुमानित लागत
7- जयपुर-फलोदी एक्सप्रेस वे 345 किमी 7086 करोड़ अनुमानित लागत
8- श्रीगंगानगर-कोठपुतली एक्सप्रेस-वे 290 किमी 7015 करोड़ अनुमानित लागत
रोड कनेक्टिविटी के मामले में अभी पिछड़ा है जालोर
जालोर में बेहतर रोड कनेक्टिविटी नहीं है, सिरोही तक से नेशनल हाइवे से जुड़ाव नहीं है। जिसका सबसे बड़ा नुकसान जालोर के ग्रेनाइट उद्योग, अनार मंडी, एग्रो प्रोडक्ट से जुड़े व्यापारियों को हो रहा है। भविष्य में ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेस वे का प्रोजेक्ट धरातल पर साकार हो जाता है तो जालोर के विकास को रफ्तार मिलेगी।
भविष्य से जुड़ा है प्रोजेक्ट
ग्रेनाइट उद्योग के लिए तो यह अहम प्रोजेक्ट है। भारत माला और दिल्ली-मुंबई कोरिडोर से इस प्रोजेक्ट को जुड़ाव होता है ता ग्रेनाइट को देश के हर कोने तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। वहीं देश के हर कोने से व्यापारी जालोर तक आसानी से पहुंच भी सकेंगे।
हेमेंद्र भंडारी, सचिव, ग्रेनाइट एसोसिएशन, जालोर
मुख्यमंत्री बजट घोषणा में शामिल प्रदेश के 8 ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेस-वे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के क्रम में एजेंसी के निर्धारण के लिए टैंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब टैंडर खुलने के साथ डीपीआर का काम तय एजेंसी की ओर से किया जाएगा।
आशु गर्ग, एसई, नेशनल हाइवे (एनएच), जयपुर
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