नागौर. कॉलेज रोड स्थित एक होटल में ठहरे युवक ने शुक्रवार को फंदे पर लटक कर आत्महत्या करने का प्रयास किया। समय रहते साथ आई युवती ने होटल वालों को सूचित कर उसे उतरवाया। युवक की हालत गंभीर है, उसे जोधपुर रैफर किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, युवक सिंगड़ का रहने वाला है। कुछ दिन पहले एक बुजर्ग दम्पती ने टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। ऐसे में दिन दहाड़े इस वारदात के बाद शहरभर में हड़कम्प सा मच गया। अफवाह यह भी फैली कि युवती ने भी जहर खाने की कोशिश की।
मामला शुक्रवार सुबह का है। कोतवाली डीओ प्रेमाराम को सूचना मिली कि कॉलेज रोड स्थित एक होटल में युवक ने फंदा लगाने की कोशिश की है। उसे जेएएलएन अस्पताल लाया गया है। प्रेमाराम मय टीम अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर नरेश बाजिया ने बताया कि युवक को गंभीर हालत में जोधपुर के मथुरादास अस्पताल रैफर कर दिया है। वहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बाद में कोतवाली सीआई वेदपाल शिवरान मय टीम होटल पहुंचे, यहां कमरे का मौका-मुआयना किया और एफएसएल व एमओबी टीम को भी बुलाया।
नर्सिंग स्टूडेंट है…
सिंगड़ निवासी पुनाराम जाट (24) नर्सिंग स्टूडेंट है। ये एक युवती के साथ सुबह करीब पौने नौ बजे होटल में पहुंचा था। दोनों ने आधार कार्ड देकर एक रूम बुक किया। कुछ देर बाद ही युवती ने होटलकर्मियों को पुनाराम के फंदे पर लटकने की सूचना दी। इस पर होटलकर्मी तुरंत कमरे पर पहुंचे और उसे उतरवाकर जेएलएन अस्पताल पहुंचाया, जहां गंभीर हालत देख उसे जोधपुर रैफर कर दिया ।
आधार कार्ड दूसरे का
होटल में रूम बुक करने के लिए इन दोनों ने अपने-अपने आधार कार्ड दिखाए। बताया जाता है कि युवती का दिया हुआ आधार कार्ड किसी और नाम से था। दोनों इससे पहले कभी इस होटल में नहीं आए। युवती पुनाराम को अस्पताल ले जाने के बाद होटल से अपने गांव चली गई।
……………………..बुजुर्ग दम्पती के सुसाइड की जांच नहीं बढ़ी आगे-
सुसाइड नोट के आधार पर नहीं हो पाई पूछताछ
नागौर. कोतवाली थाना इलाके की करणी कॉलोनी में करीब एक पखवाड़ा पहले हुई बुजुर्ग दम्पती हजारीराम विश्नोई (70) व उसकी पत्नी चावली (65) की आत्महत्या के मामले की जांच शुरू नहीं हुई। दम्पती ने घर में बने टांके में कूदकर आत्महत्या की थी। मरने से पहले दम्पती ने घर में तीन जगह पन्ने चस्पा किए, जिनमें बेबसी का जिक्र करते हुए बेटे-बहू ही नहीं बेटी-दामादों के साथ उनके बच्चों तक को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि बाद में परिजनों की रिपोर्ट पर इन्हें मानसिक बीमार बताया गया था और पुलिस ने मर्ग दर्ज किया था।सूत्र बताते हैं कि बुजुर्ग दम्पती ने अपने सुसाइड नोट पर बेटे बेटे-बहुओं के साथ पोते-पोतियों तक के नाम दर्ज किए थे। बेटे-बेटी हजारी राम के खिलाफ थे। ये सब उसकी प्रोपर्टी पर कब्जा जमाना चाहते थे, जबकि हजारी राम अपनी बची-खुची प्रोपर्टी बेचकर नागौर के पीपासर स्थित गुरु जम्भेश्वर धाम में 21 लाख रुपए देना चाहता था। करीब एक महीने पहले ही हजारीराम ने पींपासर में मंदिर के लिए आठ लाख एक हजार सौ रुपए दान किए। यह रसीद चावली के नाम से काटी गई थी। उसके पास एक और प्लॉट है, जिसे बेचकर वो उसकी रकम भी यहीं दान करने वाला था।
क्यों नहीं हो रही जांच
बताया जाता है कि आत्महत्या के कारणों का उल्लेख करते हुए दम्पती ने पर्चे चस्पा किए। यही नहीं पत्र लिखकर उनकी फोटो स्टेट कॉपी तक करवाई। उन्हें मानसिक बीमार बताकर मृतक के भाई ने मर्ग की रिपोर्ट दर्ज कराई पर मृतकों के ऐसा होने की जानकारी भी तो पुख्ता की जानी थी। यही नहीं रहस्य की बात यह कि दोनों के आत्महत्या करने से दो दिन पहले उनके बेटे ने एसपी के नाम पोस्ट से ज्ञापन भेजा जिसमें यह उल्लेख किया था कि उसके माता-पिता मानसिक बीमार हैं, वो आत्महत्या कर पूरे घर को फंसाने की धमकी दे रहे हैं। पुलिस अफसर कहते हैं कि जांच अब शुरू होगी।
इनका कहना
पुनाराम ने फांसी लगाने की कोशिश की थी, तुरंत ही उसे जोधपुर रैफर किया गया है। बुजुर्ग दम्पती के मामले को अब देखेंगे, वे हाल ही में यहां स्थानांतरित होकर आए हैं।-वेदपाल शिवरान, सीआई कोतवाली