दीपोत्सव को लेकर ब्यावर सजने लगा है। रंग-बिरंगी रोशनी से सजा बाजार आकर्षक लग रहा है। इसके साथ अच्छी ग्राहकी की उम्मीद में शहरवासियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान में सामग्री सजा ली है। इसके अलावा शहर से लेकर कस्बों तक काफी व्यापारी ऐसे हैं, जो हर त्योहार पर अपना व्यापार बदल लेते हैं। उनकी दुकानें भी नजर आने लगी हैं। स्थान व व्यापारी वहीं केवल बिकने के लिए रखी सामग्री बदल गई है।
अलग-अलग प्रकार के सामानों की दुकानें
रक्षाबंधन पर राखी तो वहीं दीपावली पर पटाखे एवं अन्य सजावटी सामानों की दुकानें सजाते हैं। मकर संक्रान्ति पर पतंग-डोर एवं सर्दियों में गजक व मूंगफली आदि का कारोबार करते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग त्योहारों के दौरान अलग-अलग प्रकार के सामानों की दुकानें लगाते हैं। अहम बात यह है कि करीब एक माह के व्यापार के बाद आने वाले त्योहारों की तैयारी में लग जाते हैं।
घर के समीप ही खरीदारी के बेहतर विकल्प
अनुमान के अनुसार इससे करीब 30 से 60 हजार रुपए तक का मुनाफा हो जाता है। इस तरह सीजन के अनुसार कार्य करने वाले लोगों का मानना है कि इससे काम में नयापन रहने के साथ ही पूरे वर्षभर बंधकर भी कार्य नहीं करना पड़ता है। इसके लिए व्यापारी जयपुर, अहमदाबाद, दिल्ली समेत अन्य जगहों से सामान मंगवाते हैं। शहर में मुख्य बाजार से लेकर कॉलोनियों तक में इस तरह कार्य करने वाले व्यापारी हैं। इससे स्थानीय लोगों को यह फायदा मिलता है कि घर के समीप ही खरीदारी के बेहतर विकल्प मिल जाते हैं।
मुख्य बाजार समेत कॉलोनियों में हैं ऐसे व्यापारी
शहर के मुख्य बाजार के अलावा कॉलोनियों व मुख्य मार्गों पर ऐसी दुकाने सजी मिल जाएंगी। शहर के मुख्य मार्गों पर भी इस बार विविध प्रकार की दुकानें सजी हैं। इसमें सजावटी सामग्री के अलावा, जूते के साथ ही कपड़ों की दुकानें भी सजी हैं।