symptoms of piles : पाइल्स बीमारी आज एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को उठने बैठने में समस्या आने लगती है। ये समस्या होने पर व्यक्ति के मल से भी खुन आने लगता है। पाइल्स, जिसे बवासीर के नाम से भी जाना जाता है, एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो लगभग हर दूसरे व्यक्ति में पाई जाती है। यह गुदा और मलाशय में सूजी हुई रक्त वाहिकाओं की गांठों के रूप में होती है। पाइल्स ( symptoms of piles) किसी भी आयु के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, लेकिन विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में यह अधिक सामान्य है।
पाइल्स के शुरूआती लक्षण : early symptoms of piles
पाइल्स के शुरूआती लक्षणों की ( symptoms of piles) बात कि जाए तो उसमें मरीज को गुदा के आसपास खुजली या जलन जैसी समस्या, मल त्याग करते समय दर्द या तकलीफ, मल त्याग के बाद टॉयलेट पेपर पर खून आना, गुदा के आसपास एक या एक से ज्यादा गांठ महसूस होना, गुदा के आसपास सूजन व कब्ज या दस्त जैसी समस्या होने लगती है।
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जानिए क्या है पाइल्स के बचाव के उपाय : Know what are the preventive measures for piles
पाइल्स से बचाव उपाय कुछ सामान्य इस प्रकार है जिनका पालन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
फल, सब्जियां और साबुत अनाज फाइबर के उत्कृष्ट स्रोत माने जाते हैं। फाइबर मल को नरम बनाए रखने और कब्ज से बचने में सहायक होता है, जिससे पाइल्स का जोखिम कम होता है। इसलिए, अपने आहार में स्वस्थ विकल्पों को शामिल करना लाभकारी हो सकता है।
प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मल त्याग में सहूलियत होती है और कब्ज की समस्या से बचाव होता है।
नियमित व्यायाम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। यह पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है और कब्ज से राहत प्रदान करता है।
इस समस्या से ग्रसित कार्यालय कर्मियों को लंबे समय तक बैठने की आदत होती है। ऐसे में उन्हें थोड़ी-थोड़ी देर में उठकर चलने और अपनी मांसपेशियों को खींचने की सलाह दी जाती है।
भारी वजन उठाने से गुदा पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे पाइल्स की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, भारी वजन उठाने से बचना चाहिए।
मोटापे के कारण पाइल्स का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, वजन को नियंत्रित करके इस समस्या से बचा जा सकता है।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।