गैर इरादतन हत्या के मामले में फैसला
छबड़ा. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश अविनाश चौधरी ने बुधवार को दस वर्ष पुराने गैर इरातन हत्या के मामले का निस्तारण करते हुए आरोपी को 10 वर्ष के कारावास एवं दस हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है।
अपर लोक अभियोजक एडवोकेट अमृतलाल लोधा के अनुसार अब्दुल सईद पुत्र सुल्तान खां निवासी सारथल ने पीएचसी कैम्प हरनावदाशाहजी में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 26 नवम्बर 2013 को उसका भाई अय्यूब खां पुत्र सुल्तान खां बाइक से खेत जा रहा था। डोबरा कच्चे रास्ते पर सामने से आए अज्ञात डम्पर के चालक ने अय्यूब को टक्कर मार दी। इससे उसकी मृत्यु हो गई। डम्पर हाइवे पर सडक़ का कार्य करने वाले ठेकेदार का निकला। बाद में ठेकेदार ने दो पुत्रो मंजूर खां और फैजल खां को भी गाड़ी से कुचलने की कोशिश की। उक्त मामले की रिपोर्ट हरनावदाशाहजी थाने में दर्ज करवाई थी। इस मामले का बुधवार को एडीजे चौधरी ने निस्तारण करते हुए श्योजीलाल किराड़ उर्फ शोजी पुत्र गोपाल निवासी रूणिजा थाना दबलाना जिला बूंदी को सजा सुनाई।
इधर, तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई
दस वर्ष पूर्व महिला को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मामले का एडीजे अविनाश चौधरी ने बुधवार को निस्तारण करते हुए आरोपी को तीन वर्ष के कारावास व दस हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। एपीपी अमृतलाल लोधा के अनुसार छीपाबड़ौद थाना क्षेत्र के मालोनी निवासी महेंद्रङ्क्षसह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि कि 13 जून 2014 को उसकी पत्नी लाडकुंवर घर से गायब हो गई। उसकी पत्नी को मोठपुर थाना क्षेत्र के केरवालिया निवासी हुकमङ्क्षसह पुत्र गोङ्क्षवदङ्क्षसह बहला फुसलाकर ले गया। पुलिस ने इचार्जशीट पेश की। इस पर एडीजे चौधरी ने हुकमङ्क्षसह को अपहरण का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।