Rajasthan News: मंगलवार को वक्फ बिल के लिए बनी जेपीसी (JPC) की बैठक में भाजपा और टीएमसी के बीच जोरदार झड़प हुई, जिसमें TMC सांसद कल्याण बनर्जी घायल हो गए। घटना के बाद कल्याण बनर्जी को इस अनुचित व्यवहार के लिए समिति से एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। अब इस घटना को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। ताजा बयान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिया है।
उन्होंने जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सांसद कल्याण बनर्जी का व्यवहार लोकतंत्र के विरुद्ध है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। आगे उन्होंने इंडिया गठबंधन के नेताओं से भी उनका रुख साफ करने की बात कही।
या तो जवाब दें, या खंडन करें- शेखावत
वक्फ बिल पर बनी JPC की बैठक में हंगामे पर बोलते हुए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह के अपमान को स्वीकार नहीं किया जा सकता। राहुल गांधी से लेकर इंडिया गठबंधन से जुड़े सभी नेताओं से पूछना चाहता हूं कि वो या तो खंडन करें या फिर देश को जवाब दें कि इस अलोकतांत्रिक व्यवहार को लेकर उनकी क्या मानसिकता है?
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शेखावत ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में वैचारिक मतभेद के लिए निश्चित रूप से आधार होना चाहिए, लेकिन केवल अपनी विचारधारा को प्राथमिकता मिले या प्रश्रय मिले, उसके विपरीत बात करने वाले के साथ में इस तरीके का व्यवहार या इस तरह से क्रोध कर उसे दबाने की कोशिश करें, यह लोकतंत्र में कतई स्वीकार्य नहीं है।
‘ये हरकत लाखों मतदाताओं का अपमान’
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सांसद कल्याण बनर्जी ने जिस तरह का आचरण और व्यवहार किया है, वह न केवल संसदीय परंपराओं, संसदीय संस्थाओं, संविधान और संवैधानिक व्यवस्थाओं का अपमान है, अपितु लाखों मतदाताओं ने उन्हें चुनकर के संसद में भेजा है, उन मतदाताओं के विश्वास का भी अपमान उन्होंने किया है।
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सांसद बनर्जी ने मीटिंग में फेंकी बोतल
गौरतलब है कि वक्फ बिल को लेकर गठित जेपीसी की बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच जमकर बहस हुई थी। इस दौरान कल्याण बनर्जी ने कांच की बोतल तोड़कर जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल की तरफ फेंकी थी, हालांकि वे बच गए। बनर्जी के इस बर्ताव पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने नियम 347 के तहत उन्हें सस्पेंड करने की मांग की। 9-7 की वोटिंग के बाद उन्हें एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया था।
दरअसल, वक्फ (संशोधन) बिल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और विपक्ष की आपत्ति के बीच इसे JPC को सौंपा गया था। कमेटी को अगले संसद सत्र के पहले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंपनी है।
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