नागौर. सामान्य दिनों में गायब रहने वाले मिट्टी से निर्मित उत्पाद बाजारों में फिर से नजर आने लगी है। इनकी खास बनावट, निर्मित उत्पादों पर चित्रकारी और आकर्षक रंगों में ढले यह सामान दुकानों पर सजे लोगों को रिझाने लगे हैं। लोगों में इन्हें खरीदने के लिए भी खासा आकर्षण है। मूर्तियों के साथ ही मिट्टी के लैंप, मुखौटे आदि लोगों की पसंद बने हुए हैं।लोगों ने चायनीज सामान को बाय-बाय करते हुए देश में निर्मित चीजों को तरजीह दी है। बाजारों में मिट्टी की बंदनवार, दीये, लक्ष्मी-गणेश और गिफ्ट आइटम्स देखने के लिए मिल रहे हैं। दीपोत्सव हो या कोई खास आयोजन, सजावट को लेकर आम लोगों की सोच पूरी तरह बदली हुई नजर आने लगी है। कुछ समय पहले तक भारी-भरकम सामान से घरों में इंटीरियर डेकोरेशन हो रही थी, लेकिन अब देखने में आ रहा की घरों को सजाने के शौकीन मिट्टी के डिजाइनर सामान से घर-आंगन, बालकनी और बगीचों को सजाना पसंद कर रहे है।
मिट्टी का लैंप और तोरण के साथ बांसुरी
दीपावली पर स्वदेशी वस्तुओं से बाजार पटा हुआ है। घर को अलग से लुक देने के लिए कोई मिट्टी का लैंप पसंद कर रहा है तो कोई, तबला, मुखौटे, स्टूल या विभिन्न प्रकार की आकृतियां। इस तरह सजे बाजार को देखने से लग रहा है कि शिल्पकारों को एक बाजार मिल गया है और उनकी दीपावली भी आर्थिक रूप से उन्नत होगी। मिट्टी निर्मित कलाकृतियों में विभिन्न आकार-प्रकार की आकृतियों में तबला, बांसुरी वादक, सांरगी वादक, मुखौटे शामिल हैं। सजावटी सामान में मिट्टी से बनी रंग-बिरंगी तोरण, बंदनवार, कंडील और लैंप विशेष तौर पर खरीदे जा रहे हैं। इससे अलग कागज से बने रंग-बिरंगे फूल, मोतियों के लहराते लैंप, लाल, नीली-पीली कंडील आदि लोगों को भा रहे हैं।
इकोफ्रेंडली सामान सस्ता है
खरीदारों में गांधी चौक आए रामनिवास, भवानी, रामसुमेर मिले। इनसे बातचीत हुई तो बोले कि मिट्टी का बना सामान इकोफ्रेंडली और सस्ता है। हमें अपने देश में बनी वस्तुओं को प्रमोट करना चाहिए। इसलिए हमने देश को प्राथमिकता देते हुए चायनीज सामान से दूरी बना ली है। दुकानदारों का कहना है कि देश में सजावट का सामान 60 रूपये से लेकर कई रेंज में उपलब्ध है। उपभोक्ता अपनी जेब के हिसाब से दीपावली पर खरीदारी कर सकता है।
दुकानों पर भी चहल-पहल
शहर के गांधी चौक एवं तिगरी बाजार में कपड़ों, ज्वेलर्स आदि की दुकानें अब गुलजार होने लगी है। दोपहर तक दो से चार की संख्या में आने वाले ग्राहकों की संख्या शाम को बढऩे लगी है। विशेषकर शाम को चार बजे के बाद बाजारों में अब चहल-पहल बढऩे लगी है। दुकानदारों ने दुकानों पर दीपावली को ध्यान में रखते हुए सामानों को पहले से ही मंगा लिया गया था। रेडीमेड गॉरमेंट्स के विक्रेता अजय का कहना है कि कपड़ों में जोधपुर, जयपुर एवं कोटा क्षेत्र से आए परंपरागत कपड़ों के साथ अत्याधुनिक परिधानों को ज्यादा पसंद किया जा रहा है।
फूलों के आकर्षक गुलदस्ते
बाजारों में कृतिम फूलों के साथ अपने आकर्षक आकरों में ढले गुलदस्ते भी दुकानों में सजने लगे हैं। हरे, पीले, लाल रंगों के साथ ही अपने विविध प्रकारों में यह कृतिम फूलों के गुलदस्तों के आने से भी बाजार का लुक बदला हुआ नजर आने लगा है। गुलाबी, पीले, हरे एवं नागफनी अब अपने आकर्षक रंगों में असली फूलों से भी शानदार लुक में बाजार को लुभाने में लगे हुए हैं।
