राज्य में इस साल अब तक 8443 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। वहीं मलेरिया के 1427, तो चिकनगुनिया 353 मरीज दर्ज किए जा चुके हैं। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हर जिले में डेंगू मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। आम लोगों और चिकित्सा विभाग के कार्मिकों के लिए विभाग ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इन निर्देशों के मुताबिक डेंगू से बचाव के लिए बनाए गए स्पेशल सर्वे दल 15 दिनों तक घर-घर सर्वे करेंगे और डेंगू के साथ मौसमी बीमारियों के मरीजों को चिन्हित कर उपचार की व्यवस्था करेंगे। इस सर्वे में इन बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है और प्राथमिक उपचार के बारे में बताया जा रहा है। वहीं यह दल राज्य के हर इलाके में एन्टीलार्वल एक्टीविटी फोगिंग, गम्युशिया मछली का उपयोग एवं लार्वा रोकथाम आदि गतिविधियां पूरी करेंगे। इनके साथ ही मेडिकल टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें घर-घर सर्वे में चिन्हित रोगियों को आवश्यक दवा उपलब्ध कराने के साथ ही उपचार के लिए सम्बन्धित चिकित्सालय में रैफर कर उपचार की व्यवस्था करेंगे।
डेंगू की स्थिति की बात करें तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 19 अक्टूबर तक राज्य में 8443 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इनमें सर्वाधिक जयपुर जिले में 1000 मिले हैं, जबकि उदयपुर जिले में भी हालात खराब हैं, यहां अब तक 945 मरीज मिल चुके हैं। कोटा और जयपुर ग्रामीण के एक—एक मरीज की डेंगू से मौत भी हो चुकी है। जयपुर ग्रामीण में अब तक 578 डेंगू के केस सामने आ चुके हैं।
राज्य के सभी जिले में डेंगू अलर्ट के लिए 24 घंटे कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है। वहीं प्रत्येक सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मौसमी बीमारी के इलाज के लिए पर्याप्त संख्या में बैड आरक्षित रखने होंगे।