मालाखेड़ा के मेवात बालिका आवासीय विद्यालय एवं कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में रहने वाली बालिकाओं में सभ्यता संस्कृति संस्कार के साथ-साथ गंगा जमुनी तहजीब का संगम रहता है। यह राष्ट्र निर्माण तथा शारीरिक विकास के लिए जरूरी है। आवासीय विद्यालय में भोजन से पहले भोजन मंत्र, ईश्वर की आराधना कर प्रार्थना की जाती है। ताकि समाज और राष्ट्र का भव्य निर्माण करने में सहयोग कर सके।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेवात बालिका आवासीय विद्यालय में इन दिनों यही नजारा दिखाई देता है। भोजन व्यवस्था प्रभारी मंजूलता सिंह चौहान, अंजना कौर, सविता यादव, सोनिया, तथा राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ी हुई समस्त छात्राएं सेवा कार्य करती हैं। वही पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी भगवान सहाय शर्मा ने बताया जात-पात धर्म मजहब से अलग हटकर, यहां पर सभी छात्राओं में एक ही धर्म है। प्यार, प्रेम, भाईचारा, और सहयोग जो राष्ट्र के निर्माण में अति आवश्यक है।