– राजनीति व सोशल मीडिया सत्रों में वैदिक विद्वानों का उद्बोधन
ऋषि मेले का समापन आज
अजमेर. पुष्कर रोड स्थित ऋषि उद्यान में चल रहे ऋषि मेले के दूसरे दिन शनिवार को ‘आर्य समाज और राजनीति’ व ‘सोशल मीडिया’ विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। सत्रों में वैदिक विद्वानों ने उद्बोधन दिए।‘आर्यसमाज और राजनीति’ सत्र के संयोजक डॉ. जगदेव विद्यालंकार रहे। डॉ जगदेव ने कहा कि धर्म को राजनीति से अलग नहीं किया जा सकता। वेदों में दोनों साथ चलते हैं। प्रो.रामचन्द्र ने कहा कि महर्षि दयानंद ने प्रगति व सुख के बाधक अंधविश्वास दूर कर सुपथ दिखाया। वैदिक धर्म के बिना राजनीति भ्रष्ट और सारहीन हो जाती है। भ्रष्ट राजनेता राष्ट, समाज को भी भ्रष्ट कर देता है। चन्द्रशेखर, आचार्य जीव वर्धन शास्त्री आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
सोशल मीडिया विषयक सत्र में मोबाइल व इससे समाज पर होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई। सुरेश चन्द्र आर्य, डॉ. कुलबीर छिकारा, आचार्य अंकित प्रभाकर, मुनि सत्यजित व जगदीश शर्मा ने विचार व्यक्त किए।
गुरुकुल: दशा और दिशा में स्वामी प्रणवानन्द, आचार्य विरजानन्द दैवकरणि, डॉ. योगेन्द्र याज्ञिक, धर्मपाल आर्य, स्वामी ऋतस्पति, आचार्य विजयपाल, आचार्य ऋषिपाल, स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने विचार व्यक्त किए।इन्हें किया सम्मानितस्वामी आशुतोष अध्यापक पुरस्कार गुरुकुल होशंगाबाद के स्वामी ऋतस्पति, आचार्य धनंजय गुरुकुल पौंधा के सुमनलता पुरस्कार, डॉ. निखिल आर्य गुरुकुल गौतम नगर दिल्ली को जमनादेवी रामचन्द्र आर्य विद्वत्त पुरस्कार दिए गए।स्वामीजी के उपयोग की वस्तुओं की प्रदर्शनीसरस्वती भवन में महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा उपयोग में ली जाने वाली वस्तुओं व चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। महर्षि द्वारा लंदन से खरीदी गई प्रिन्टिंग मशीन, उदयपुर नरेश व शाहपुरा नरेश द्वारा महर्षि दयानंद को भेंटस्वरूप प्रदत्त शॉल, स्वामी द्वारा लिखी गई पुस्तकें, ताम्र कमंडल, तुम्बा, रेत घड़ी, तराजू, पलड़े, उस्तरा, चिमटी, हस्ताक्षर की मोहर, आचमन पात्र, दवात, चाकू, हिसाब बही, सूची पत्र, यज्ञ के विविध काष्ठपात्र व विभाग की ओर से प्रकाशित डाक टिकट भी प्रदर्शित किए गए।आर्यवीरों-वीरांगनाओं का व्यायाम प्रदर्शनआर्यवीर दल के जिला संचालक विश्वास पारीक के निर्देशन में विभिन्न प्रदेशों के आर्यवीरों ने व्यायाम, जूडो कराटे, सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार का संगीतमय प्रदर्शन किया। लाठी, भाला, तलवार, लेजियम का संगीतमय प्रदर्शन के साथ ही आसनों का प्रदर्शन व संरचना बनाकर दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। अतिथियों का अभिनंदनसार्वदेशिक आर्यवीर दल के आजीवन संचालक स्वामी देवव्रत, संचालक सत्यवीर शास्त्री, प्रान्तीय संचालक भवदेव आर्य, उपमहापौर नीरज जैन, आर्यवीरांगना दल की प्रांतीय संचालिका सरोज मालू ने मेले में शिरकत की। प्रदेश के 30 शिक्षक-शिक्षिकाओं का सम्मान किया गया।भजनोपदेश‘भजनोपदेशक दिनेश पथिक व भूपेन्द्र सिंह आर्य ने ऋषि दयानन्द, आर्यसमाज, ईश्वर भक्ति व राष्ट्र प्रेरणा से जुड़े भजनों की प्रस्तुति दी। सुबह 5 से 6:30 तक चले सत्र में योगाचार्य यतीन्द्र शास्त्री ने आसन, प्राणायाम, ध्यान कराए।
यज्ञ में शामिल हुए राज्यपालपरोपकारिणी सभा के प्रधान ओममुनि, मंत्री कन्हैयालाल आर्य व स्वामी ओमानन्द सरस्वती ने राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागडे को साफा बांधा, शॉल ओढाकर स्मृति चिह्न भेंट किया। महाराष्ट्र के शतायु स्वामी सोमानंद का भी अभिनंदन किया गया। श्रुति माला राठी ने मराठी में स्वागत गीत की प्रस्तुति दी। मंत्री कन्हैयालाल आर्य ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन वेदप्रकाश विद्यार्थी ने किया।आज के कार्यक्रमरविवार को यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरान्त वेद प्रवचन किए जाएंगे। साथ ही विभिन्न विषयक सत्र होंगे।