बाड़मेर मेडिकल कॉलेज सम्बद्ध जिला अस्पताल में सोनोग्राफी टेस्ट के लिए मरीजों को 15-20 दिनों तक आगे की तारीख दी जा रही है। वेटिंग के चलते मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। अस्पताल में निशुल्क मिलने वाली सुविधा के लिए निजी में रोगियों को पैसा चुकाना पड़ रहा है। मरीज जांच के लिए भटकते रहते हैं।
सोनोग्राफी टेस्ट की संख्या बढ़ी
बाड़मेर के जिला अस्पताल में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओपीडी का आंकड़ा 3000 से ज्यादा हो रहा है। वहीं मौसमी बीमारियां बढऩे पर चार हजार से ज्यादा रोगी अस्पताल पहुंचते है। रोगियों की संख्या बढऩे के चलते सोनोग्राफी टेस्ट की संख्या भी बढ़ी है। लेकिन अस्पताल में 60 मरीजों की ही रोजाना सोनोग्राफी हो रही है। इसके बाद आने वाले रोगियों वेटिंग में रहते हैं।
रोजाना 60 के बाद रोगियों का पंजीयन बंद
सोनोग्राफी सेंटर पर राजकीय अवकाश को छोडकऱ अन्य दिनों में प्रतिदिन 60 रोगियों का ही टेस्ट के लिए पंजीकरण होता है। इसके बाद पंजीयन कार्य बंद कर दिया जाता है और जांच के लिए आने वाले रोगियो को टेस्ट की पर्ची के पीछे आगे की तारीख लिख कर दे दी जाती है। अभी करीब 15-20 दिनों की वेटिंग चल रही है।
वरिष्ठ नागरिक भी झेल रहे परेशानी
अस्पताल आने वाले वरिष्ठ नागरिकों को भी सोनोग्राफी जांच को लेकर परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिला अस्पताल में 16 अक्टूबर को चिकित्सक ने एक 70 साल के वरिष्ठ नागरिक को सोनोग्राफी जांच का परामर्श दिया, वह सेंटर पर पहुंचे तो उन्हें 15 दिन बाद आने का कहा गया। इस स्थिति में पहले से बीमार वरिष्ठ नागरिकों की पीड़ा और बढ़ जाती है।
डॉक्टर अर्जेंट लिखेंगे तो उसी दिन जांच
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जांच में अभी 15 दिन और उससे ज्यादा की वेटिंग चल रही है। चिकित्सक अर्जेंट लिखेंगे तो उसी दिन जांच कर दी जाती है। कुछ दिन पहले तक तो एक महीने की वेटिंग थी, अब ओपीडी कम होने पर सामान्य सोनोग्राफी के लिए 15 दिन बाद की तारीख दे रहे हैं।
-डॉ. बीएल मंसूरिया, अधीक्षक, राजकीय संलग्न चिकित्सालय समूह मेडिकल कॉलेज बाड़मेर