लचर प्लानिंग…वाहन चालकों को रास्ता नहीं सूझ रहा, यात्रा से ज्यादा जाम में निकल रहा समय

जयपुर। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारियों की लचर प्लानिंग का खमियाजा पिछले दो वर्ष से हजारों वाहन चालक भुगत रहे हैं। 200 फीट बाइपास से बगरू औद्योगिक क्षेत्र तक करीब 23 किमी का सफर तय करने के लिए पीक आवर्स में तीन से चार घंटे लग जाते हैं, मतलब यात्रा से अधिक समय जाम में ही व्यतीत होता है।

दरअसल, फ्लाईओवर निर्माण के नाम पर एनएचएआइ ने कई कट बंद कर दिए हैं, वहीं कुछ ऐसी जगहों पर कट खोल दिए हैं, जिनसे हादसों में इजाफा हुआ है। कट बंद होने के कारण हाइवे के किनारे रहने वाले लोगों को यात्रा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कमला नेहरू और भांकरोटा पुलिया पर निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन एनएचएआइ के लिए इसे समय पर पूरा करना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, क्योंकि काम की गति बेहद धीमी है। कई जगह सर्विस लेन खराब है, तो कहीं पत्थर रखकर रास्ता ही रोक दिया गया है। यों तो एनएचएआइ के अधिकारियों का दावा है कि कमला नेहरू फ्लाईओवर का काम 15 नवंबर तक और भांकरोटा फ्लाईओवर का काम जनवरी में पूरा कर लिया जाएगा।

200 फीट बाइपास पर हालात: वाहन चालक तीन बार में ट्रैफिक लाइट को कर पाते हैं पार
राजधानी के 200 फीट बाइपास चौराहे पर पीक आवर्स में ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है। वाहन चालक तीन बार में ट्रैफिक लाइट को पार कर पाते हैं। दोनों फ्लाईओवर के काम खत्म होने के बाद एनएचएआइ इस चौराहे पर काम शुरू करेगा। हालांकि, प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए तीन हेक्टेयर जमीन की भी जरूरत है, जहां दो अंडरपास और दो फ्लाईओवर प्रस्तावित हैं।बगरू उद्योग मित्र की समस्या

बगरू उद्योग मित्र संगठन लगातार कर रहा है प्रयास
बगरू उद्योग मित्र संगठन लगातार प्रयास कर रहा है कि लोगों की आवाजाही सुगम हो। संगठन के पदाधिकारियों ने हर स्तर पर बात रखी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बगरू औद्योगिक क्षेत्र में करीब 600 फैक्ट्रियां हैं और इसी हाईवे से सभी का आना-जाना होता है। संगठन के सह-समन्वयक नवनीत झालानी का कहना है कि सुगम यातायात के लिए कई बार एनएचएआइ के अधिकारियों से मिलकर अवगत कराया, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही। यातायात पुलिस का रवैया भी सहयोगात्मक नहीं है।

यहां हो रहीं दिक्कतें
कमला नेहरू नगर: यहां एक पुलिया का निर्माण चल रहा है। पहले से बनी पुलिया का उपयोग अजमेर से आने वाले यातायात के लिए हो रहा है, जबकि जयपुर से जाने वाला ट्रैफिक सर्विस रोड से आगे निकाला जा रहा है, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है।
भांकरोटा चौराहा: यहां अब तक पांच पिलर का निर्माण हुआ है। भांकरोटा से अजमेर की ओर कुछ काम नजर आता है, लेकिन जयपुर की ओर बहुत काम बाकी है, जिससे बॉटलनेक बनती हैं और लम्बा जाम लग जाता है।सुधार की आवश्यकता

भांकरोटा चौराहे के पास: सर्विस रोड पर थड़ियां रखी हैं, जहां बस और जीपें यात्रियों को उतारती हैं, जिससे वाहनों की गति धीमी हो जाती है।

रिंग रोड पर ट्रैफिक लाइट: रिंग रोड से वाहन उतरकर इसी लाइट से जयपुर के लिए यू-टर्न लेते हैं, जिससे अक्सर हादसे होते हैं। यहां क्लोवर लीफ प्रस्तावित है।

बड़ के बालाजी पर: ट्रैफिक लाइट सही से काम नहीं करती, जिससे वाहन चालक कन्फ्यूज रहते हैं।

ये हो तो कुछ बात बने
-यातायात पुलिस जाम लगने वाले स्थानों पर चालान के बजाय सुगम यातायात के लिए काम करे।
-कई जगह सर्विस रोड क्षतिग्रस्त है, जिसे एनएचएआइ दुरुस्त करवाए।
-ट्रैफिक लाइट को सही कराया जाए, ताकि वाहन चालकों को कोई दिक्कत न हो।

कट से होने वाले हादसे
रीको इंडस्ट्रियल एरिया बगरू के पास दहमी बालाजी पर फ्लाईओवर चालू हो चुका है। फ्लाईओवर से 250 मीटर दूर एक कट है और करीब 200 मीटर आगे रीको के लिए एक अन्य कट है। इन दो कट्स के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं, जिससे कई लोगों की जान भी जा चुकी है।

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