Nagaur news Diary…केवट मिलन, दशरथ निधन, भरत मिलाप के दृश्यों ने झकझोरा

-बंशीवाला परिसर में चल रही रामलीला में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
नागौर. बंशीवाला मंदिर परिसर में चल रही रामलीला में गुरुवार को केवट मिलन, दशरथ निधन एवं भरत मिलाप के मंचित दृश्यों ने श्रद्धालुओं को झकझोर दिया। मंचन के दौरान इन दृश्यों के साथ संवाद को सुनते हुए श्रद्धालु स्तब्ध नजर आए। राम सरयू नदी पर पहुंचने पर केवट का मिलना, केवल राम से पैर धोने के लिए मनुहार करना, विलाप करते हुए राजा दशरथ का प्राण त्यागना, अयोध्या से सेना सहित भरत का राम के पास पहुंचना, इस दौरान लक्ष्मण का क्रोधित होना, मिलन के दौरान भरत का रोना, अपनी मां कैकेयी के कृत्यों के लिए अफसोस जाने सरीखे दृश्यों से श्रद्धालु भाव-विभोर रहे। रामायण के पात्रों का सटीक डायलाग, परस्पर संवाद, और भरत सेना सहित राम के पास पहुंचे सरीखे दृश्यों से रामायण कालीन युग से परिचित होते हुए श्रद्धालु अंतिम दृश्य के मंचन तक बैठे नजर आए।

देर रात्रि तक बही भजनों की सरिता
नागौर. शरद पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को बंशीवाला मंदिर के सामने स्थित दक्षिणामुखी हनुमान मंदिर में जागरण का आयोजन किया गया। इस दौरान मंदिर परिसर को रंगीन बिजली की झालरों से सजाने के साथ हनुमान का शृंगार किया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने एक से बढकऱ एक भजन की प्रस्तुतियां दी। हनुमान की भक्ति पर आधारित भजनों की सरिता देर रात्रि तक बहती रही। भजनों की सरिता माहौल भक्तिमय बना रहा।

काठडिया का चौक नागौर में बंशीवाला मन्दिर के मुख्य दरवाजे के ठीक सामने स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मन्दिर में प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी लाईटिंग सजावट व जागरण का आयोजन किया गया। उक्त मन्दिर के ट्रस्ट कल्याणकारी हनुमान ट्रस्ट के मुख्य पदाधिकारी श्री प्रदीप जोशी ने बताया कि यह मन्दिर लगभग 500 वर्ष पूर्व बना हुआ है व इस मन्दिर में दक्षिण मुखी हनुमान मूर्ति विराजमान है जिसका अपना अलग धार्मिक महत्व है तथा इस मन्दिर में शहर के लगभग सभी भक्तगण रोजाना दर्शन करने व शरद पूर्णिमा के जागरण व अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते है।

बंशीवाला मंदिर में मनाई शरद पूर्णिमा
नागौर. बंशीवाला मंदिर परिसर में शरद पूर्णिमा गुरुवार को मनाई गई। इस मौके पर बंशीवाला का विशेष शृंगार करने के साथ पूजन किया गया। श्रद्धालुओं ने इस मौके पर भजनों की प्रस्तुतियां दी। इस दौरान एक से बढकऱ एक भजन की प्रस्तुति दी गई। भजनों की प्रस्तुति के दौरान मंदिर परिसर आस्था के रंग में रंगा रहा।

अनिता बिरडा बनी नगरपालिका कुचेरा मण्डल की अधिशासी अधिकारी
नागौर. जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने नागौर नगरपरिषद की सचिव को अनिता बिरडा को नगरपालिका मण्डल कुचेरा के अधिशासी अधिकारी पद का अतिरिक्त पदभार संभालने के निर्देश जारी किए हैं। गुरुवार को जारी इस निर्देश में कहा गया कि अनिता बिरड़ा अपने पद के कार्य के साथ ही कुचेरा नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी के पद भार अग्रिम आदेशों तक संभालेंगी। इस दौरान वह नगरपालिका कुचेरा के क्षेत्र में हो रहे सडक़ निर्माण, सफाई, मरम्मत के साथ अन्य विविध कार्यों की देखरेख करेंगी।

तप से सुप्त संस्कारों का जागरण होता है
नागौर. कनक आराधना भवन में चल नहे नवपद ओली आराधना का गुरुवार को समापन हुआ। इस मौके पर प्रवचन करते हुए साध्वी मृगावती ने तप का अर्थ बताते हुए कहा कि तप से सुप्त संस्कारों का जागरण होता है, और यह जागरण हमारे आध्यात्मिक विकास को गति देता है। उन्होंने कहा कि तप का उद्देश्य मात्र ऊर्जा का अर्जन ही नहीं, बल्कि उस ऊर्जा का संरक्षण व सुनियोजन भी है जो अपनी ऊर्जा को संरक्षित कर लेता है। तपश्चर्या कोई चमत्कार न होकर स्वयं का परिष्कार है। साध्वी सुप्रिया ने कहा कि दृढ़ता एक ऐसा आवश्यक गुण है, जिसकी सफलता पाने के लिए हम सभी को आवश्यकता होती है। यह हमें विपरीत परिस्थितियों में भी अपने मार्ग पर बने रहने, असफलता से सीखने, अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने, डर पर काबू पाने और अपनी पूरी क्षमता हासिल करने में मदद करता है। साध्वी नित्योदया ने कहा कि जैन धर्म में तप का बहुत महत्व है। जैन धर्म में तप का मतलब है इच्छाओं पर नियंत्रण रखना। उन्होंने कहा कि तप से आत्मा के शुद्ध होने के साथ ही कर्मों का निवारण होता है। जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के अनुसार, अहिंसा, संयम, और तप ये धर्म की त्रिवेणी हैं। व्यावहारिक तौर पर अनशन और व्रत तप हैं। स्वाध्याय और ध्यान को भी उत्तम तप कहा गया है। खतरगच्छ संघ के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने बताया कि नवपद ओली आराधना के दौरान सिद्धचर, महापूजन, दादा गुरु देव महापूजन, आयबिंल आदि कार्यक्रम हुए।
नागौर. नवपद ओली आराधना के दौरान जैन साध्वी

डीडवाना विधायक ने चढ़ाई चादर, पेश किए अकीदत के फूल
नागौर. पूर्व मंत्री एवं डीडवाना विधायक यूनुस खान गुरुवार को सूफी हमीदुद्दीन चिश्ती नागौरी की दरगाह पहुंचे। इस दौरान विधायक यूनुस खान ने मजार पर चादर के साथ अकीदत के फूल पेश कर अमन-चैन की दुआ मांगी। विधायक यूनुस खान के साथ दरगाह वक्फ कमेटी के सदर हाजी शमशेर खान की सूफी साहब के उर्स को लेकर बातचीत हुई। सदर शमशेर खान ने उनको बताया कि इस माह 31 अक्टूबर को झण्डे की रस्म के साथ ही सूफी साहब के उर्स का आगाज हो जाएगा। कार्यक्रम में विधायक का साफा बंधन करने के साथ माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस दौरान हुई बातचीत में शहर काजी मो. मेराज उस्मानी, नगरपरिषद उपसभापति सदाकत अली सुलेमानी, जावेद गौरी, अब्बास खान एवं नदीम खान आदि भी शामिल थे।
नागौर. सूफी साहब के दरगाह परिसर में डीडवाना विधायक यूनुस खान, दरगाह सदर हाजी शमशेर खान व अन्य
बड़ा उर्स पर आज निकलेगा जुलूस
नागौर. बड़े पीर साहब की दरगाह का बड़ा उर्स शुक्रवार को मनाया जाएगा। दरगाह के सज्जादा नशीन सैय्यद सदाकत अली जीलानी ने बताया की इस मौके पर बड़े उर्स के जुम्मे की विशेष नमाज़ अदा की जाएगी। जुमे में शहर काज़ी मोहम्मद मेराज उस्मानी तकरीर पेश करने के साथ ही नमाज़ अदा करवाएंगे। इसके बाद शाम चार बजे नकास आज़ाद चौक हाजी मस्सा पीर की दरगाह से चादर का जुलुस रवाना होगा। यह जुलूस पीपली गली, हाथी चौक, तिगरी बाजार, बर्तन बाजार, सदर बाजार, तहसीलचौक, गांधी चौक, नाहरपोल होते हुए बड़े पीर साहब की दरगाह पहुंचेगा। असर की नमाज़ के बाद दरगाह का विशेष कबुली का लंगर ज़ायरीनो मे तकसीम किया जाएगा। इसी रात इशां की नमाज़ के बाद कव्वाली का विशेष कार्यक्रम होगा। इसमे मुंबई के सलीम राजा और अहमदाबाद के शकील कादरी कव्वाल पार्टी कलाम पेश करेगी। 19 अक्टूबर की सुबह साढ़े दस बजे कुल की महफि़ल शुरू होगी। इसके तहत दोपहर डेढ़़ बजे कुल की रस्म के साथ सालाना उर्स संपन्न हो जाएगा।

पंच कल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव में बालक्रीड़ा, बाल्यकाल वर्णन, विवाह,, राज्याभिषेक हुए
नागौर. लंबी गली स्थित श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे त्रिदिवसीय पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में गुरुवार को आचार्य चैत्य सागर महाराज के सानिध्य में अभिषेक किया गया। इसके पश्चात सौधर्म इंद्र सभा का आयोजन किया गया। इसमें इंद्रासन का पायमान, भगवान का जन्म, इंद्राणी का प्र्रसूति गृह से जिन बालक को लाना, सहस्त्र नेत्रावलोकन, पाण्डु शिला पर जन्माभिषेक, आकार शुद्धि कराना, जिन बालक का शृंगार, वस्त्राभूषण, कर्ण भेदन, नामकरण, मधुत्रथापन, पालना, बालक्रीड़ा, बाल्यकाल वर्णन, विवाह, षटकर्म उपदेश, राज्याभिषेक, अंक एवं अक्षर ज्ञान, नीलाजंना नृत्य, वैराग्य आदि के दृश्य को जीवंत रूप में दर्शाया गया। इसके पश्चात पालकी में भगवान को बैठाकर मंदिर में प्रवेश करवाया गया। इस दौरान दीक्षा संस्कार विधि, तप कल्याणक पूजा हुई। शाम महाआरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। आरती चांदी के बाड़े से गाजे-बाजे के साथ सौधर्म इन्द्र, भगवान के माता-पिता व कुबेर- इन्द्र को लेते हुए आदिनाथ दिग बर जैन मंदिर प्रांगण पहुंची। यहां पर आरती की गई। भगवान के द्रव्य पुन्यार्जक सोहनलाल, भागचंद, मनीष, काला को मिला। वात्सल्य भोज कराने का सौभाग्य फूलचन्द, मैना देवी, विरेन्द्र , संगीता, विनोद-सोनाली पाटनी, भागचंद, मनीष काला को मिला। समाज के रमेशचन्द्र जैन ने बताया कि
आज होगा यह कार्यक्रम
समाज के रमेश चन्द्र जैन ने बताया कि शुक्रवार को सुबह नित्य अभिषेक एवं पूजा की जाएगी एवं केवल ज्ञान संस्कार, तप संस्कार,मन्त्रन्यास, प्रतिष्ठा हवन, नाभि तिलक, गुणारोपण, सूर्य मंत्र, केवल ज्ञान, समोशरण, दित्य ध्वनि, केवल ज्ञान कल्याणक, शंका समाधान, पूजा, भगवान का मोक्ष गमन, गुणारोपण, अग्रि संस्कार, मोक्ष कल्याणक पूजा एवं शांति हवन किया जाएगा। दोपहर दो बजे शिखर में भगवान को विराजमान एवं शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा। साथ ही आचार्य चैत्य सागर का मंगल आशीर्वाद दिया जाएगा। अपराह्न में 3 बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी।

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