बख्तसागर स्कूल खेल मैदान को रिकॉर्ड में इंद्राज नहीं करने पर नागरिकों में रोष

नागौर. वर्तमान में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम राजकीय विद्यालय, बख्तसागर के नाम से संचालित विद्यालय के खेल मैदान को रिकॉर्ड में इंद्राज नहीं करने पर शहरवासियों ने रोष व्यक्त किया। साथ ही खेल मैदान की जमीन पर अतिक्रमण का प्रयास करने वाले लोगों को पाबंद करने सहित विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग की।

लघु उद्योग भारती के जिला संरक्षक भोजराज सारस्वत, सरोज प्रजापत, नृत्यगोपाल मित्तल, अधिवक्ता जगदीश जांगू, लिखमाराम चौधरी, देवेंद्र, सूरजमल नागौरा, रामेश्वर सारस्वत, प्रवीण बांठिया, रूपसिंह पंवार सहित कई नागरिकों ने जिला कलक्टर से मिलकर ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया कि वर्ष 1934 में जोधपुर सरकार ने तत्कालीन दरबार स्कूल जो बाद में बख्तसागर तथा वर्तमान में महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय के रूप में संचालित है, उसको लगभग 6 बीघा जमीन खेल मैदान में कृषि कार्य के लिए प्रदान की थी। 1975 तक इस भूमि का उपयोग किया जाता रहा। बाद में गंदे पानी के नाले इसमें डालने के कारण से इसका उपयोग बंद कर दिया गया। विद्यालय के आग्रह पर 2007 में प्रशासन ने राजस्व एवं नगर परिषद की टीम से इस भूमि का सीमांकन करवाकर मुडाम रोपने के चिह्न लगाए। उन्हें अतिक्रमणकारियों ने तोड़ दिया।

वर्ष 2010 में विद्यालय की ओर से राजस्व रिकार्ड में इस शाला के इंद्राज के लिए आवेदन करने पर नगर परिषद की ओर से जारी विज्ञप्ति में किसी प्रकार की आपत्ति प्राप्त नहीं हुई। फिर भी परिषद ने राजस्व रिकॉर्ड में इस खेल मैदान को दर्ज नहीं किया । बाद में 2023 में पट्टा बनवाने के लिए नगर परिषद में आवेदन दिया गया। ज्ञापन में मांग रखी कि जब तक शाला के खेल मैदान के रिकॉर्ड में

इंद्राज व पट्टे बनाने का कार्य पूर्ण नहीं हो, तब तक किसी को भी नियमन, पट्टा तथा निर्माण से संबंधित अनुज्ञा जारी जारी नहीं की जाए। ज्ञापन में सार्वजनिक महिला शौचालय की भूमि पर जारी पट्टे को मुख्यमंत्री से निरस्त करने मांग की।

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