बारिश के बाद सडक़ किनारे लगे पेड़ों की छंटाई का काम अब तक ग्रेटर नगर निगम ने शुरू नहीं किया है। उसका खमियाजा वाहन चालकों को उठाना पड़ रहा है।
कई जगह तो पेड़ों की वजह से ट्रैफिक लाइट ही नजर नहीं आतीं। ऐसे में वाहन चालक बिना देखे ट्रैफिक लाइट को जम्प कर जाते हैं। इससे न सिर्फ उनका चालान हो जाता है, बल्कि हादसे का भी डर बना रहता है।
बारिश के बाद टोंक रोड से लेकर जेएलएन मार्ग, अशोक मार्ग, वैशाली नगर के गांधी पथ, गौतम मार्ग, सिरसी रोड, खातीपुरा मोड़ सहित अन्य मार्गों पर ट्रैफिक लाइट सही तरह से नजर नहीं आती हैं।
वर्ष में 12 बार छंटाई का है प्रावधान
निगम की उद्यान शाखा पेड़ों के रखरखाव की जो निविदा निकालती है, उसमेे एक वर्ष में 12 बार पेड़ों की छंटाई का प्रावधान होता है। ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए यह का शाखा के अधिकारी नहीं करवाते।
सांमजस्य का अभाव
भले ही काम नगर निगम को करना है, लेकिन दो शाखाओं के बीच सामंजस्य का अभाव है। पेड़ों को छांटने का काम उद्यान शाखा का है और संसाधन गैराज शाखा को उपलब्ध कराने होते हैं। जहां ये दिक्कत है, वहां के लोग और स्थानीय व्यापारी कई बार निगम में शिकायत भी कर चुके, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।