तौल का झोल खत्म होने पर ही सुचारू होगी खरीद

हनुमानगढ़. जिले में कपास की खरीद में तौल का झोल खत्म करने के मामले में सभी तरह के प्रयास विफल हो रहे हैं। व्यापारिक संगठनों ने किसानों को मंडी में पांच दिनों तक कपास नहीं लाने की अपील की है। जबकि मंडी समिति सचिव ने व्यापारिक संगठनों को पांच दिन के भीतर इलेक्ट्रोनिक कांटे (तराजू) लाने को लेकर पाबंद किया है। प्रकरण के अनुसार कपास फैक्ट्री संचालकों ने धर्मकांटे व डं डी तौल करने से इनकार कर दिया है। किसान भी इसके पक्ष में ज्यादा नहीं है। ऐसे में इलेक्ट्रोनिक कांटे से तौल करवाने को लेकर मंडी समिति अधिकारी अब सख्ती दिखा रहे हैं। इसके बाद कुछ मिलर्स ने इलेक्ट्रोनिक कांटे की खरीद के ऑर्डर भी दिए हैं। जंक्शन मंडी में गुरुवार को इलेक्ट्रोनिक कांटे से कपास तौल को लेकर डेमो देने की बात मंडी समिति के अधिकारी कह रहे हैं। इस दौरान मिलर्स को इलेक्ट्रोनिक कांटे से तौल के कायदे और फायदे भी बताए जाएंगे। मंडी समिति सचिव सीएल वर्मा का कहना है कि जंक्शन मंडी में डैमो सफल रहने पर आगे टाउन सहित अन्य मंडियों में इसका प्रशिक्षण मिलर्स को दिया जाएगा।

सहमति के चल रहे प्रयास
जंक्शन व टाउन मंडी में कपास की खरीद-बिक्री का काम अभी ठप पड़ा है। चार-पांच दिन में सभी मिलर्स की ओर से इलेक्ट्रोनिक कांटे मंगवाने के बाद ही आगे यह कार्य शुरू होने की उम्मीद है। व्यापारिक संगठन, मिलर्स तथा किसानों के बीच सहमति बनाने को लेकर जिला प्रशासन स्तर पर प्रयास जारी हैं। इसे लेकर बैठक का दौर भी चल चुका है।

इतने लगे भाव
हनुमानगढ़ टाउन मंडी में इस सीजन में शुरुआती दिनों में कपास 7851 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक चुका है। रावतसर में नरमा 7326, संगरिया में नरमा-कपास 7100, पीलीबंगा मंडी में कपास के भाव 8025 प्रति क्विंटल तक रहे। जंक्शन मंडी में भी 7500 से 7600 रुपए प्रति क्विंटल तक कपास बिक चुका है। जबकि सरकार ने चालू खरीफ सीजन में कपास का एमएसपी 7271 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। खेतों में अभी नरमा चुगाई का कार्य जारी है। इससे मंडियों में आगे आवक तेज होने की संभावना है।

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