दौसा। नगर परिषद सभापति ममता चौधरी को निलंबित करने के 3 दिन बाद भी स्वायत्त शासन विभाग ने अभी तक किसी को कार्यवाहक सभापति का चार्ज नहीं सौंपा है। वहीं नियमों का पेंच भी फंस रहा है। कायदे के अनुसार सभापति के नहीं होने पर उप सभापति को चार्ज मिलता रहा है। महुवा में भी गत दिनों ऐसा ही हुआ है।
दौसा सभापति सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित है और इस आरक्षण पर उप सभापति कांग्रेस की कल्पना जैमन फिट हैं। अगर उप सभापति ने चार्ज मांग लिया तो उनके आवेदन को टालना अधिकारियों के लिए मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में भाजपा के जो पार्षद चार्ज लेने की फिराक में है, उनके सामने पेंच फंस गया है। सूत्रों के अनुसार उप सभापति को भी नोटिस दिलाकर निलंबित करने की रणनीति पर भाजपा का एक खेमा लग गया है। वहीं उन्हें आवेदन नहीं करने के लिए अपने पक्ष में करने की कवायद भी की जा रही है।
एक पेंच आगामी दिनों में उपचुनाव की आचार संहिता लगने का भी है। अगर शीघ्र किसी को चार्ज नहीं दिया गया तो आचार संहिता में कार्यवाहक सभापति के आदेश अटक सकते हैं, ऐसे में किसी अधिकारी को प्रशासक के रूप में परिषद संभालनी होगी। वहीं, भाजपा की सभी महिला पार्षद अपने-अपने आका नेताओं के माध्यम से प्रदेश नेतृत्व के समक्ष सभापति पद का चार्ज लेने के लिए दावा कर रही हैं। कांग्रेस की एक-दो महिला पार्षद भी पार्टी में अन्य पार्षदों के साथ शामिल होकर चार्ज पाने की फिराक में है। उधर, निलंबित सभापति का खेमा न्यायालय में परिवाद पेश करने की तैयारी में लगा है।
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प्रदेश नेतृत्व को उपचुनाव की फिक्र
दौसा शहर की राजनीतिक सरगर्मी के बीच प्रदेश नेतृत्व को दौसा विधानसभा के उपचुनाव की फिक्र है। प्रदेश नेताओं का मानना है कि कार्यवाहक सभापति के 60 दिन के चार्ज के चक्कर में कहीं शहर की राजनीति में खेमेबाजी ना हो जाए, जिसका नुकसान उपचुनाव में भुगतना पड़े। जातिगत समीकरण भी ध्यान में रखे जा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश नेतृत्व फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है।
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