बिजली कार्यालयों में मैटेरियल का टोटा, नोडल अफसर नियुक्त

जयपुर डिस्कॉम में बिजली तंत्र के रख रखाव में काम आने वाले मैटेरियल की कमी ने फील्ड इंजीनियरों के हाथ बांध दिए हैं। अब घरेलू के साथ औद्योगिक बिजली कनेक्शन भी अटक रहे हैं। उधर, डिस्कॉम प्रबंधन ने मैटेरियल की कमी को दूर करने की जगह डिस्काॅम के अधीन सभी सर्कल्स में मैटेरियल (ट्रांसफार्मर, मीटर, केबल) की उपलब्धता, 33 और 11 केवी फीडर पर ट्रिपिंग की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के आदेश जारी किए हैं। प्रबंधन का यह आदेश विद्युत भवन में बैठने वाले शीर्ष इंजीनियरों में चर्चा का विषय बना हुआ है। उनका कहना है बीते डेढ़ महीने से मैटेरियल की कमी बड़ा मुद्दा है और इसकी व्यवस्था की जगह नोडल अधिकारी लगाए जा रहे हैं। जब मैटेरियल ही नहीं है तो नोडल अधिकारी क्या काम की करेंगे।

जंग खा रहे शहर के जीएसएस

आदेश में कहा गया कि इंजीनियर 33 केवी और 11 केवी जीएसएस की मॉनिटरिंग करेंगे। लेकिन हालात ये हैं कि रख रखाव के लिए मैटेरियल की कमी के कारण शहर के 33 केवी और 11 केवी का तंत्र जंग खा रहा है और आए दिन ये फीडर ट्रिप हो रहे हैं। शहर का पुराना घाट फीडर तो आए दिन एक से दो घंटे ट्रिप रहता है और लाखों लोग बिजली गुल होने से परेशान होते हैं। वाटिका, आमेर, पावटा, कोटपूतली, बैराठ, बगरू, दूदू में भी बिजली इंजीनियर मैटैरियल की कमी से परेशान हैं। पावटा, कोटपूतली, बैराठ समेत आस-पास के क्षेत्रों में तो बिजली कनेक्शन ही जारी नहीं हो पा रहे हैं।

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