कोटा दरबार ने बनवाया मां अन्नपूर्णा का रियासतकालीन मंदिर

सोजपुर. पिपलाज में मौजूद मां अन्नपूर्णा माता मंदिर रियासतकालीन है और इसे कोटा दरबार ने बनवाया था। बाद में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। पिपलाज में नवरात्र पर सैकड़ों श्रद्धालु दूरदराज से भक्तजन पहुंचते हैं। यहां मंदिर में विराजित दैवीय शक्ति नौ स्वरूपों में मूर्तियों में विराजमान है।

सोजपुर. पिपलाज में मौजूद मां अन्नपूर्णा माता मंदिर रियासतकालीन है और इसे कोटा दरबार ने बनवाया था। बाद में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। पिपलाज में नवरात्र पर सैकड़ों श्रद्धालु दूरदराज से भक्तजन पहुंचते हैं। यहां मंदिर में विराजित दैवीय शक्ति नौ स्वरूपों में मूर्तियों में विराजमान है।

अन्नपूर्णा मंदिर पर दर्शन के लिए राजस्थान से ही नहीं अपितु अन्य मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से भी अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। नवरात्र में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यहां नौ दिन तक भंडारा चलता है। मां अन्नपूर्णा के दरबार में कोई भी श्रद्धालु भूखा नहीं रहता। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के हर दुःख मां अन्नपूर्णा हर लेती है। मंदिर परिसर में कई प्रकार के पौध लगे हुए हैं। चारों तरफ फैली हरियाली से सुकून मिलता है। परिसर में श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला, स्नानघर व पेयजल टंकी, बच्चों के खेलने के झूले लगे हुए हैं। मंदिर परिसर के सामने ग्राम पंचायत पिपलाज के सहयोग से निर्मित अमृत सरोवर व किनारे पर नवनिर्मित बगीचा श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। तालाब में वर्षपर्यन्त पानी रहता है।

नवरात्र में देती है ज्वारा

नवरात्र अष्टमी के दिन मां अन्नपूर्णा ज्वारा देती है। यह माता का सबसे सुंदर स्वरूप है। माता के ज्वारा लेकर भक्तजन प्रसन्नचित होते हैं। यह दृश्य मनोरम होता है। इस दिन सैकड़ों भक्तजनों की भीड़ रहती है। मंदिर पर पूजा अर्चना कुम्हार समाज के लोग करते हैं। मंदिर का देखरेख का कार्य अन्नपूर्णा विकास समिति पिपलाज करती है, वहीं क्षेत्रवासियो का सहयोग रहता है।

मंदिर पहुंच मार्ग

स्टेट हाइवे दरा-अरनिया खानपुर-सारोलाकलां सड़क मार्ग देदिया रोड तिराहे से डेढ़ किलोमीटर डामरीकरण सड़क बनी है जो गांव पिपलाज व अन्नपूर्णा मंदिर को जोड़ती है।

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