जयपुर. ज्योतिष में गुरु ग्रह को सबसे प्रभावकारी ग्रह माना गया है। ऐसा माना जाता है कि बृहस्पति ग्रह किसी जातक के जीवन में सुख, सौभाग्य और यश के कारक को प्रभावित करते हैं। ज्योतिष गणना के मुताबिक देवगुरु बृहस्पति 9 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:30 मिनट पर वृषभ राशि में वक्री हो गए हैं। जो अगले 119 दिन व्रक्री रहेंगे और 4 फरवरी 2025 की दोपहर 03:10 मिनट पर पुनः मार्गी अवस्था में आ जाएंगे। ज्योतिष के मुताबिक 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामित्व गुरु ग्रह को प्राप्त है। बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं, जो ज्ञान, बुद्धि, विस्तार, आध्यात्मिकता, शिक्षा, धन, धर्म, आध्यात्मिक प्रगति, शिक्षक और गुरु के कारक हैं। इसके प्रभाव से मंहगाई घटेगी एवं करों का बोझ कम होगा। देश में रोगों की कमी होगी। जमीन, मकान सस्ते होंगे। शिक्षा और रोजगार के लिए अच्छा रहेगा।
धार्मिक उन्माद बढ़ने की आशंका
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि गुरु की उल्टी चाल से मौसम में बदलाव होगा। बारिश के योग फिर बनेंगे। धर्म समाज के क्षेत्र में भी उन्माद देखने को मिलेगा। शत्रु राशि में वक्री गुरु का प्रभाव धार्मिक क्षेत्र में, धर्म स्थानों में संघर्षपूर्ण स्थितियां निर्मित कर सकता है। गुरु आगामी 4 फरवरी 2025 तक उल्टी चाल चलेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु को संतान, शिक्षा, ज्ञान और विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। गुरु ग्रह का गोचर वक्री, मार्गी, उदय और अस्त होना ज्योतिष शास्त्र की महत्वपूर्ण घटना है। कुंडली में देवगुरु बृहस्पति की स्थिति मजबूत होने पर जातक को शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त होती है। इसके अलावा गुरु की कुंडली में अच्छी स्थिति से जातक को संतान सुख की प्राप्ति होती है। देवगुरु बृहस्पति के वक्री होने से कुछ राशि वालों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
यह रहेगा असर
राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा और कई राज्यों में सत्ता और संगठन में परिवर्तन की संभावना। इसके अलावा देश की राजनीति में उथल-पुथल हो सकती है। विश्व में बहुत कुछ होगा और देखने को मिलेगा। राजनीति में बड़े स्तर पर बदलाव हो सकता है। मंहगाई घटेगी एवं करों का बोझ कम होगा। देश में रोगों की कमी होगी। जमीन, मकान सस्ते होंगे। शिक्षा और रोजगार के लिए अच्छा रहेगा। केंद्र एवं राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्रियों, साधु-संतो और अन्य आध्यात्मिक गुरुओं के चाल-चलन पर आरोप प्रत्यारोप की संभावना। प्राकृतिक आपदा, सुनामी, भूकंप, भूस्खलन, बवंडर आंधी-तूफ़ान, चक्रवातीय वर्षा, तेज बारिश आने की संभावना है। देश में धार्मिक उन्माद बढ़ाने के साथ टकराव की स्थितियां निर्मित होने की आशंका है।
गुरु काे प्रसन्न करने के उपाय
डाॅ. अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें। साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें। देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। इसके लिए शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। गुरु ग्रह के मंत्र ऊँबृंबृहस्पतयेनमः का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। किसी गोशाला में हरी घास दान और श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें।