नागौर. पशु पालकों के लिए खुशखबरी है। अब गांव या ढाणियों में पशु अस्पताल नहीं है तो भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। पशु चिकित्सक खुद ही आवश्यक दवाओं के साथ उनके पास पहुंचेंगे, और पशु का इलाज करेंगे। इसके लिए पशु पालन विभाग की ओर से जयपुर में काल सेंटर स्थापित किया गया है। अब इसका विधिवत संचालन भी शुरू हो गया। पशुपालक अब 1962 नंबर पर फोन कर अपनी समस्याएं बताएंगे। इसके पश्चात इसकी जानकारी संबंधित जिले के मोबाइल वेटनरी यूनिट्स इंचार्ज के पास पहुंच जाएगी। यूनिट इंचार्ज खुद ही पशु चिकित्सक से संपर्क कर पशु के इलाज के लिए मौके पर पहुंचेगा। इस सेवा का शुभारंभ नागौर में बुधवार को समारेाहपूर्वक किया गया। इसमें मोबाइल वेटनरी यूनिट्स इंचार्ज को भी इस संबंध में पूरी जानकारी दिए जाने के साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह सेवा सातों दिन तक लगातार बिना अवकाश सुबह नौ बजे से से शाम को पांच बजे तक संचालित रहेगी।
मोबाइल यूनिट्स की लोकेशन पहुंचेगी जयपुर
पशु पालन विभाग के अनुसार मोबाइल वेटनरी यूनिट्स की जिले में कुल 13 गाडिय़ों का संचालन हो रहा है। सभी में जीपीएस लगा हुआ है। यह गाडिय़ा कॉल सेंटर से मिली सूचना पर जहां जाएंगी, या फिर गाड़ी जहां पर भी खड़ी रहेगी आदि की पूरी जानकारी सीधा जयपुर पहुंचेगी। अधिकारियों का कहना है कि इससे अब पशुओं के पास इलाज तुरन्त पहुंचेगा। इसमें किसी भी प्रकार की बहानेबाजी या कोताही नहीं की जा सकेगी।
इससे पशु पालकों को मिलेगी राहत
पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक कार्यालय परिसर में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने कहा कि सरकार ने पशुओं की चिकित्सा के लिए कॉल सेंटर स्थापित कर अच्छा कार्य किया है। काल सेंटर पर से संबंधित जिलों में जानकारी जाएगी। इसके बाद चिकित्सक खुद ही पशु के इलाज के लिए संबंधित ग्राम या ढाणी में पहुंचेंगे। उम्मीद है कि अब पशु पालकों को अपने पशुओं के इलाज के लिए दूरदराज क्षेत्रों में भटकना नहीं पड़ेगा। पूर्व प्रधान ओमप्रकाश सेन ने कि पशुओं को इलाज के लिए ले जाने के दौरान ग्रामीणों को काफी मुश्किल होती थी। अब ऐसी स्थिति आने पर पशु पालकों को केवल कॉल सेंटर के नंबर पर कॉल करनी पड़ेगी, और एक कॉल पर चिकित्सा व्यवस्था यानि की चलता-फिरता पशु अस्पताल उनके पास पहुंच जाएगा। प्रेमसुख जाजड़ा ने कहा कि मोबाइल वेटनरी यूनिट अब पशु चिकित्सालयों के अभाव में होने वाली समस्याओं का एक बेहतर विकल्प साबित होना चाहिए, बशर्ते इसका संचालन निर्धारित मापदण्डों के तहत होता रहे। इससे अब पशुओं को अच्छी चिकित्सा का लाभ मिल सकेगा। बहुउद्देशीय हॉस्पिटल के प्रभारी एवं उपनिदेशक डॉ. नरेन्द्र चौधरी ने कहा कि पशु पालकों को इससे निश्चित रूप से राहत मिलेगी। अब किराया-भाड़ा कर उनको जिला मुख्यालय या निकटवर्ती शहर के पशु अस्पतालों में जाने की समस्या से काफी हद तक निजात मिल जाएगी। संयुक्त निदेशक डॉ. महेश कुमार मीणा ने इस संबंध में मोबाइल वेटनरी यूनिट्स इंचार्ज को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वरिष्ठ चिकित्सा प्रभारी डॉ. मूलाराम जांगू ने इस मोबाइल वेटनरी यूनिट्स की गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ. विभाग के पशु चिकित्सक डॉ. अयूब सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।
इलाज की पूरी व्यवस्था रहेगी
पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. महेश कुमार मीणा से बातचीत हुई तो बताया कि मोबाइल वेटनरी यूनिट्स के माध्यम से अस्पताल अब सीधा बीमार पशुओं के पास पहुंचेगा। गाडिय़ों में दवाओं के साथ ही प्राथमिक स्तर पर सर्जरी आदि की व्यवस्था भी रहेगी। ताकि पशुओं का उनके गांव या ढाणियों में ही बेहतर तरीके से इलाज किया जा सके। दवाओं आदि की भी पूरी सुविधा रहेगी।