मालाखेड़ा ब्लॉक के सरकारी स्कूल को मिडिल स्कूल में क्रमोन्नत तो कर दिया गया, लेकिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। विद्यालय में केवल दो कमरे हैं, जिनमें एक स्टाफ और कार्यालय के लिए, जबकि दूसरे में सभी विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र के इस स्कूल में घुमंतु बंजारा और अल्पसंख्यक परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं, जो टूटी-फूटी सड़कों से होकर स्कूल पहुंचते हैं।
अगस्त 2021 में स्कूल को मिडिल में क्रमोन्नत किया गया था, लेकिन अब तक अतिरिक्त कक्षा कक्ष, पुस्तकालय, और शौचालय जैसी सुविधाओं का अभाव है। संस्था प्रधान ने बताया कि 119 से अधिक छात्रों के नामांकन के बावजूद, कक्षाएं केवल दो कमरों में ही चल रही हैं। अधिकारी अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक मनोज कुमार से इस बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के यहां से जांच रिपोर्ट और प्रस्ताव आने के बाद सरकार को अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनाने के लिए सिफारिश कर दी जाएगी।