कुत्ते-बिल्ली का करवा रहे इंश्योरेंस, काटने पर मुआवजे का भी प्रावधान

जयपुर। राजधानी जयपुर सहित राज्य के अन्य शहरों में अब पेट (कुत्ता-बिल्ली) इंश्योरेंस भी हो रहा है। हालांकि, अभी यह संख्या राजधानी में बेहद कम है। पेट इंश्योरेंस करने वाले एजेंट की मानें तो यह संख्या 250 के आस-पास होगी। आने वाले समय में पेट इंश्योरेंस बढऩे की उम्मीद है। अभी चुनिंदा इंश्योरेंस कम्पनियां ही पेट्स इंश्योरेंस कर रही हैं। इनकी मानें तो जोधपुर, कोटा, अजमेर और उदयपुर सहित अन्य शहरों से भी पैट इंश्योरेंस की क्वेरीज आती हैं। इन शहरों में इंश्योरेंस की संख्या इन शहरों में बेहद कम है।
पेट इंश्योरेंस कराने से न सिर्फ इनके बीमार होने पर इलाज में आसानी रहती है, बल्कि किसी व्यक्ति को काटने की स्थिति में मुआवजे का भी प्रावधान है। कुत्ता या बिल्ली के चोरी होने पर मुआवजा भी दिया जाता है। घरेलू के साथ-साथ विदेशी बिल्लियों का भी इंश्योरेंस होता है।

2500 रुपए तक का मिलता खर्चा
पशु अस्पताल में भर्ती कराने के बाद बीमा कम्पनी 250 से लेकर 2500 रुपए तक का खर्चा एक दिन का देती है। तीन माह से सात वर्ष तक के कुत्तों का इंश्योरेंस कराने का प्रावधान है। 10 वर्ष पार बाद कुत्तों का बीमा नहीं किया जाता है। इसी तरह तीन माह से सात वर्ष तक की बिल्ली का बीमा करने का प्रावधान है।

खास-खास
-30 से 34 तरीके की बीमारियों को करते हैं कुत्तों की कवर
-30 से अधिक नस्ल के श्वानों को कम्पनियां देती है इंश्योरेंस
-15000 से 25000 रुपए तक का प्रावधान है किसी को काटने की स्थिति में
-15 हजार से अधिक पालतू श्वान हैं राजधानी जयपुर में

ये तीन बड़े फायदे
1- पालतू जानवरों की बीमारियों या चोटों के उपचार में अक्सर भारी खर्च होता है। इंश्योरेंस होने से बोझ कम होता है और बेहतर इलाज मिल पाता है।
2-जानवरों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की प्रवृत्ति बढ़ती है। नियमित चेक-अप और वैक्सीनेशन होता रहता है। इससे जानवरों की सेहत बेहतर रहती है और बीमारी का पता भी समय रहते लग जाता है।
3-इंश्योरेंस से पालतू जानवरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। दुर्घटना होने या जानवर खो जाने की स्थिति में बीमा मदद करता है।

बोले इंश्योरेंस एजेंट

पेट इंश्योरेंस के प्रति लोगों में जागरुकता आ रही है। अभी जयपुर में ही लोग इंश्योरेंस करवा रहे हैं। दूसरे शहरों से क्वेरीज आती हैं। इंश्योरेंस कराने से बीमारियों से लेकर डॉग बाइट मामले के फायदे काफी हैं।
क्षितिज प्रसाद

पेट लवर्स को इंश्योरेंस के फायदे बताते हैं तो कुछ लोग राजी होते हैं। कुत्ते-बिल्ली की कीमत के हिसाब से प्रीमियम तय होता है। बीमारी से लेकर एक्सीडेंट होने में इलाज और किसी को काट लेने की स्थिति में मुआवजे का प्रावधान है।
राजेंद्र सिंह भाटी

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