आओ बाजार चलें…
नागौर. सरकार कहती है कि खुद का रोजगार करो, और योजनाओं का लाभ उठाओ, सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी…! यह तो केवल एक जुमला बनकर रह गया है। वास्तव में रोजगार करना भी चाहें तो सुविधाएं मिलती ही नहीं है। सुविधाओं के नाम पर सरकार की ओर से नियुक्त सरकारी अधिकारी खुद तानाशाह बन जाते हैं, और यह जनप्रतिनिधि खुद को बादशाह समझने लगे हैं। यह पीड़ा शिवबाड़ी क्षेत्र से कुम्हारी दरवाजा, मिर्धा महाविद्यालय तक जाने वाली रोड के हैं। बातचीत हुई तो कहते हैं कि यह पूरी सडक़ ही खराब हो चुकी है। कंक्रीट इसकी निकलकर गायब हो चुकी है। यह पूरा मार्ग ही कंकरीला-पथरीला बन चुका है। दिन भर यहां पर धूल उड़ती रहती है। यह धूल इतनी ज्यादा हो जाती है कि दुकानों को बंद तक करना पड़ता है। अब ऐसे में व्यापार कैसे करें।
दुकानदार बोले…
दस से पंद्रह साल हो गए, लेकिन इस सडक़ को दोबारा बनते कभी नहीं देखा। यह पूरा रास्ता ही खराब हो चुका है। आए दिन हादसे होते रहते हैं। अफसोसजनक स्थिति यह है कि लिखित रूप से देने के बाद भी सडक़ नहीं बनाई जाती है।
विनोद, दुकानदार
सडक़ पर पूरे दिन उड़ती धूल के कारण दुकान को बंद तक करना पड़ता है। दुकान बंद नहीं करें तो पूरा सामान ही खराब हो जाता है। विशेषकर दोपहर में तो हालत बहुत ज्यादा हो जाती है। इसकी वजह से अब व्यापार भी काफी कम हो चुका है।
मनीष, दुकानदार