स्वर्णनगरी से सम जाने वाला मार्ग इन दिनों घुप अंधेरे में डूबा हुआ है। प्रतिदिन सैकड़ों और आने वाले दिनों में हजारों सैलानियों की आवाजाही इस मार्ग से होने वाली है। इसके अलावा वर्तमान में चल रहे नवरात्रा के दौरान शहरवासी बड़ी संख्या में रात के समय इसी मार्ग पर आगे होमगार्ड परिसर में स्थित देवी के मंदिर में दर्शनार्थ पहुंचते हैं। उनकी दुविधाओं का आगाज मूमल ट्यूरिस्ट बंगलो से निकलते ही मार्ग पर हो जाता है। इस मार्ग पर करीब १५०-२०० मीटर की दूरी पर लगी सभी रोड लाइट्स बंद होने से यहां अंधेरे का साम्राज्य बना हुआ है। इसी मार्ग पर आगे चलकर पुलिस लाइन, बीएसएफ की बटालियन का परिसर, न्यायिक अधिकारियों के आवास, एडीआर सेंटर, सामान्य प्रशासन के राजकीय कर्मचारियों के सरकारी निवास आदि आए हुए हैं। इसी तरह से कुछ सितारा होटल्स व इंदिरा इंडोर स्टेडियम भी इस रास्ते पर हैं और आगे अमरसागर व अन्य गांव हैं। इस सबके बावजूद इस मार्ग पर रात्रि प्रकाश व्यवस्था एकदम नाकाफी है।
गौरव पथ का दिया हुआ है दर्जा
गौरतलब है कि कई वर्षों पहले जैसलमेर से इसी सम मार्ग को गौरव पथ का दर्जा देते हुए राज्य सरकार ने इसका विस्तारीकरण करवाया था। तब आनन-फानन में करवाए गए इस कार्य का लोगों को ज्यादा लाभ नहीं मिल सका क्योंकि तब भी यहां पर डिवाइडर निर्माण नहीं करवाया गया। इसके साथ ही रात्रि प्रकाश व्यवस्था भी चाक चौबंद नहीं हो सकी। इस मार्ग पर लाइटें बहुत अधिक दूरी पर और एक तरफ ही लगी है। जिससे वे जली होने के बावजूद सडक़ पर पर्याप्त प्रकाश नहीं मिल पाता है।