jaipur : खुला-खुला रहने वाले झालाना बाइपास शहर के व्यस्त मार्गों में से एक हो चुका है। जगतपुरा पुलिया से गांधी सर्कल का रास्ता आसान नहीं रहा। बात जब सुबह और शाम की हो तो यह राह और कठिन हो जाती है। करीब 4 किलोमीटर का मार्ग जो सामान्य स्थिति में कुछ ही मिनटों में तय किया जा सकता था, अब जाम की वजह से लंबा बन चुका है। आए दिन इस मार्ग पर लगने वाले जाम से न केवल लोग परेशान हो रहे हैं बल्कि प्रशासन की अनदेखी भी उजागर हो रही है। झालाना संस्थानिक क्षेत्र से जगतपुरा और सीतापुरा के औद्योगिक क्षेत्र तक यह मार्ग लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों का हिस्सा है। बावजूद इसके, प्रशासन की ओर से न तो अतिक्रमण हटाने की दिशा में कोई ठोस प्रयास किया जा रहा है और न ही यातायात को सुचारू रखने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
यह मार्ग सुबह 9 से 11 और शाम 5 से 7 बजे तक सबसे ज्यादा व्यस्त रहता है। इस दौरान जगह-जगह जाम लगना आम है। इस जाम से निकलने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार तो बीस मिनट का रास्ता तय करने में एक घंटे से ज्यादा का समय लगता है।
80 फीट की सड़क 20 फीट में सिमटी
जगतपुरा से झालाना के बीच अस्सी फीट चौड़ी सड़क है, लेकिन सिर्फ बीस फीट का ही इस्तेमाल हो रहा है। इसमें भी 6 तिराहे और एक चौराहा है। सड़क के बाकी हिस्सों पर ठेले वालों ने कब्जा कर रखा है। इन अस्थायी अतिक्रमणों ने सड़क की चौड़ाई को काफी हद तक सीमित कर दिया है। इतना ही नहीं, इस सड़क से भारी वाहनों का आवागमन भी रहता है, जबकि जेएलएन मार्ग और टोंक रोड जैसे महत्वपूर्ण मार्गों पर दिन के समय भारी वाहनों का प्रवेश निषेध है।
नहीं उठाया जा रहा ठोस कदम
यह मार्ग शहर के प्रमुख क्षेत्रों जैसे जगतपुरा, मालवीय नगर, प्रताप नगर और आगरा रोड को जोड़ता है। हर दिन करीब बीस हजार वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं। केन्द्रीय विद्यालय, सरकारी दफ्तर, अस्पताल और औद्योगिक क्षेत्रों के कारण यह मार्ग अहम है। ऑफिस समय के दौरान यहां भारी जाम लगता है, जिससे लोगों का समय पर गंतव्य पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसके कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।