एक हजार साल पुराना है कालक्या माता मंदिर, जंगलों के बीच शस्त्रधारी रुद्र और करूण दो रूपों में हैं प्रकट

Kalkya Mata Temple history: जयपुर स्थित झालाना स्थित कालक्या माता मंदिर एक हजार साल से अधिक प्राचीन है जो झालाना के जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित है। यहां भक्त दूर-दूर से काली माता के दर्शन के लिए आते हैं। खास बात यह है कि यहां माता काली शस्त्रधारी रुद्र रूप और करूण दो रूपों में प्रकट है। इसे बिंदयाका देवी भी कहा जाता है। इस मंदिर में दो माताएं एक साथ हैं। इनके चेहरे पर सिंदूर का चोला होता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए घुमावदार सुंदर रास्ता है।

यह है मंदिर से जुड़ी किवंदती

इस मंदिर को लेकर किवंदती है कि पूर्व में इस मंदिर में माता की तीन मूर्तियां स्थापित थी। उस समय एक चोर ने माता की सोने की मूर्ति चुराने आया, तब माता बावड़ी में समा गई। दूसरे दिन पुजारी आए तो बावड़ी में से आवाज आई कि डकैत मुझे लूटने आए थे, इसलिए मैं बावड़ी में समा गई हूं। अब मेरी दो बहनों की मूर्तियां खेजड़ी के दो पेड़ों के नीचे हैं। इस घटना के बाद मंदिर के पुजारी ने खेजड़ी से माताओं को फिर से बाहर निकालकर मंदिर में स्थापित किया। यह मंदिर अपनी विस्मयकारी वास्तुकला, नक्काशी देखने योग्य है। प्राचीन बावड़ी मंदिर परिसर में अब भी मौजूद है।

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