Rajasthan News : अधीनस्थ जजों में महिलाएं बराबरी की ओर, हाईकोर्ट में 33 में सिर्फ 3

Rajasthan News: न्याय का नाम आते ही देवी का चेहरा सामने आता है, लेकिन जज की कुर्सी पर छोटी अदालतों में ही महिलाएं नजर आती हैं। अधीनस्थ जजों में महिलाओं की संख्या पुरुषों की बराबरी के करीब है, लेकिन 33 हाईकोर्ट न्यायाधीशों में 3 ही महिला हैं। हाईकोर्ट से नामित वरिष्ठ अधिव€ताओं में प्रदेश में एक ही महिला है। हाईकोर्ट और विधि विभाग में प्रशासनिक पदों पर कार्यरत महिलाएं भी कम हैं। न्यायपालिका में महिलाओं के कम आने का एक बड़ा कारण यह बताया जाता रहा है कि कुछ साल पहले तक वकालत में महिलाएं कम थीं, लेकिन अब स्थिति बदल रही है।

अधीनस्थ न्यायपालिका में 46 प्रतिशत महिलाएं

अधीनस्थ न्यायपालिका में प्रदेश में महिला न्यायिक अधिकारियों की संख्या बढ़ी है और 2016 के बाद से 50 प्रतिशत से अधिक पदों पर महिलाओं का ही चयन हो रहा है। हालांकि न्यायिक अधिकारियों में महिलाओं के बढ़ने का सिलसिला 2013 में ही शुरू हो गया था। प्रदेश में 1300 से अधिक न्यायिक अधिकारी है, जिनमें से 618 महिलाएं हैं। इससे करीब 46 प्रतिशत पदों पर महिलाएं पहुंच गई हैं।

अब न केवल राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों में प्रवेश लेने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ रही है, जबकि अन्य महाविद्यालयों में में भी विधि की पढ़ाई कर रही लड़कियों की संख्या बढ़ी है। इसका असर यह है कि वकालत और अधीनस्थ न्यायपालिका में भी महिलाएं बढ़ रही हैं। वकालत में कुछ महिलाएं अपने पिता-दादा-मामा-नाना की विरासत को संभाल रही हैं और ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

महिलाओं के मुकदमें 1.43 लाख : प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में 20.79 लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं, जिनमें से 1.43 लाख से अधिक महिलाओं की ओर से दायर किए गए हैं। इसे यों भी कहा जा सकता है कि समाज में महिलाओं पर अत्याचार की शिकायतें या भेदभाव की शिकायत भले ही आ रही है, लेकिन ये मामले अब भी अदालतों तक नहीं पहुंच रहे हैं।

हाईकोर्ट में महिला जजः रेखा बोराना, शुभा मेहता और नुपूर भाटी। महिला वरिष्ठ अधिवक्ता- गायत्री राठौड़

देश में महिला न्यायाधीश…

सुप्रीम कोर्ट 33 में से 02
हाईकोर्ट्स 757 में से 106
हाईकोर्ट सीजे 25 में से 02
सबसे अधिक महिला जज: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में 13

चयन सिस्टम पर निर्भर

अधीनस्थ न्यायपालिका में तो परीक्षा से चयन, लेकिन उच्च न्यायपालिका में चयन सिस्टम पर निर्भर है। उच्च न्यायपालिका में महिलाओं को बढ़ावा देने के प्रयास हों। लॉ फर्म से भी महिलाओं के चयन का सुझाव दिया है।

– सोनिया माथुर, सदस्य, सुप्रीम कोर्ट बार एसो.

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