SI भर्ती पेपर लीक मामला: मंत्रियों की कमेटी पर मचा घमासान, टीकाराम जूली ने पूछा- किरोड़ी को क्यों नहीं बनाया मेंबर?

Rajasthan Politics: SI भर्ती परीक्षा को लेकर बनी मंत्रियों की कमेटी के बाद विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। भजनलाल सरकार से इस्तीफा दे चुके डॉ. किरोड़ी लाल मीणा इस पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। वहीं विपक्ष के नेता भी सरकार को जमकर घेर रहे हैं। इस बार नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब सत्ता की चाबी पर्ची के द्वारा डिसाइड होती है जब ऐसे ही निर्णय लिए जाते हैं।

दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि ऐसे लीपापोती से काम नहीं चलेगा, पांच मंत्रियों की एक कमेटी बना दी है, अब उसका क्या अर्थ है, जब एसओजी यह कह चुकी है कि परीक्षा रद्द होनी चाहिए। एडिशनल एडवोकेट जनरल ने राय दे दी कि परीक्षा रद्द होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के कई ऐसे फैसले हैं कि अगर परीक्षा से पहले पेपर लीक हो गए हैं, तो परीक्षा रद्द होनी चाहिए, पर पता नहीं परीक्षा क्यों रद्द नहीं कर रहे हैं।

रद्द करने के लिए CM को कह चुका- किरोड़ी

एक अन्य सवाल में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, “मैं मुख्यमंत्री को बराबर परीक्षा रद्द करने के लिए कह रहा हूं, तीन बार मुख्यमंत्री को परीक्षा रद्द करने के लिए कह चुका हूं। कैबिनेट की मीटिंग में मुख्य रूप से इस लिए गया था कि परीक्षा रद्द होनी चाहिए। मुख्यमंत्री कहा भी था कि समय पर करेंगे। लेकिन, अब मंत्रियों की कमेटी बैठा दी गई है। समझ से बाहर है कि मुख्यमंत्री ऐसा क्यों कह रहे हैं।”

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फर्जी डॉक्टर का भी उठाया मामला

आगे किरोड़ी लाल ने कहा कि फर्जी डॉक्टर बनाने के मामले में मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया। लेकिन, उनको हथकड़ी लगाकर बाजार में क्यों नहीं घुमाते। जनता को पता लगे कि वे जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सस्पेंड क्या होता है। सस्पेंशन तो कोई पनिशमेंट नहीं है? ऐसे लीपापोती से काम नहीं चलेगा। आम गरीब का तो आप हथकड़ी लगाकर जुलूस निकाल देते हो, भेदभाव सही नहीं है।

टीकाराम जूली ने सीएम पर साधा निशाना

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा कि, “जब सत्ता की चाबी पर्ची के द्वारा डिसाइड होती है जब ऐसे ही निर्णय लिए जाते हैं। सरकार के एक मंत्री के द्वारा अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री के ऊपर लीपापोती व उसके निर्णय की क्षमता पर सवाल उठाए जाए तो आप समझ सकते हैं कि सरकार अधिकारी चला रहे हैं या फिर मुख्यमंत्री जी ?

राजस्थान सरकार द्वारा घोषित समिति में किसी भी सदस्य के पास भर्ती परीक्षा या भर्ती परीक्षाओं संबंधित अपराध बाबत कोई अनुभव नहीं है। समिति में ना तो रिटायर्ड जज, प्रॉसिक्यूटर, पुलिस अधिकारी, RPSC का मेंबर सदस्य तक नही है। यहां तक की किरोड़ी लाल जी को भी समिति का सदस्य नहीं बनाया गया इसके क्या कारण हो सकते हैं ?

जब सत्ता की चाबी पर्ची के द्वारा डिसाइड होती है जब ऐसे ही निर्णय लिए जाते हैं।

सरकार के एक मंत्री के द्वारा अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री के ऊपर लीपापोती व उसके निर्णय की क्षमता पर सवाल उठाए जाए तो आप समझ सकते हैं कि सरकार अधिकारी चला रहे हैं या फिर मुख्यमंत्री जी ?

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— Tika Ram Jully (@TikaRamJullyINC) October 3, 2024

मुख्यमंत्री जी की बातों से ना तो विधायक ना मंत्री कोई भी संतुष्ट नहीं है तो न्याय और नौकरी के भरोसे में बैठे प्रदेश के युवा और उनके अभिभावक सरकार पर क्या भरोसा करेंगे? क्या यह व्यक्तितंत्र है जहां सत्ता में बैठे लोग मनमानी से निर्णय लेंगे? ध्यान रहे यह लोकतंत्र है और जनता ही संप्रभु है।

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कैबिनेट बैठक में उठ चुकी है मांग

बता दें, किरोड़ी लाल मीणा इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में उठाया था। किरोड़ी लाल मीणा SOG के वीके सिंह से भी मुलाकात करके परीक्षा को रद्द करने की मांग कर चुके हैं। वहीं पुलिस विभाग भी इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने का प्रस्ताव राजस्थान सरकार को भेज चुका है।

परीक्षा के लिए बनी 6 मंत्रियों की कमेटी

गौरतलब है कि SI भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले को लेकर भजनलाल सरकार ने 6 मंत्रियों की कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी SI भर्ती-2021 के संबंध में सरकार को सभी पहलुओं की जांच कर रद्द करना है या नहीं, इसकी अनुशंसा करेगी। बता दें इस कमेटी में मंत्री जोगाराम पटेल को संयोजक बनाया गया है। वहीं मंत्री सुमित गोदारा, जवाहर सिंह, बाबूलाल खराड़ी, गजेंद्र सिंह खींवसर और मंजू बाघमार को सदस्य बनाया गया है।

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