बूंदी. प्रदेश के राजकीय कन्या महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को अब मजबूत बनाया जाएगा। उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे,ताकि विषय परिस्थितियों या किसी प्रकार की छेड़छाड़ की घटना से खुद का बचाव कर सकें और मनचलों को सबक दे सकें। प्रदेश में बढ़ते महिला अत्याचार की घटनाओं को देखते हुए कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने छात्राओं को आत्मरक्षा में सक्षम करने के लिए अभिनव पहल की है। इसके तहत प्रदेश के 34 कन्या महाविद्यालयों में रानी लक्ष्मी बाई केंद्र खोले जाएंगे।
यहां महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन केंद्रों पर चार सप्ताह के प्रशिक्षण से छात्राएं खुद को सुरक्षित रखने का हुनर सीखेंगी। केंद्रों और प्रशिक्षण का शुभारंभ 14 अक्टूबर को राजकीय महाविद्यालय जयपुर से होगा। इस प्रशिक्षण के बाद वे ना केवल अपनी बल्कि आवश्यकता होने पर परिवार एवं आसपास की घटनाओं में पीड़ितों की सहायता एवं रक्षा कर सकें। छात्राओं को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त करना भी उद्देश्य है।
मूल्यांकन के बाद मिलेगा प्रमाण पत्र
आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा के संयुक्त निदेशक प्रो. दिनेशचंद्र शर्मा की ओर से जारी आदेशों में बताया गया है कि प्रशिक्षण के लिए छात्राओं को ऑनलाइन फार्म भरकर पंजीयन करवाना होगा।प्रशिक्षण के बाद मूल्यांकन होगा। महाविद्यालय और आयुक्तालय के लोगो के साथ प्राचार्य एवं महिला प्रकोष्ठ संयोजक प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
यह रहेगा कार्यक्रम
पहला सप्ताह-. छात्राओं को बेसिक वार्मअप, आत्मरक्षा की आवश्यकता पर सामूहिक चर्चा, मानसिक रूप से छात्राओं को सशक्त बनाना, विभिन्न क्षेत्रों में याति अर्जित करने वाली साहसी महिलाओं की जानकारी देकर प्रेरित करना
दूसरा सप्ताह- पंच, किक, ब्लॉक, हाथ, पैर, घुटने और कोहनी के उपयोग से हमलावर से बचने जैसे आत्मरक्षा के तरीके सिखाते हुए वीडियो प्रदर्शन, स्वास्थ संबंधित जानकारी और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण
तीसरे सप्ताह- पकड़ की स्थिति पर खुद को बचाने, पछाडऩे या विरोधी को गिराने की विधाएं सिखाते हुए आपात परिस्थिति में निर्णय लेने के लिए मानसिक रूप से मजबूत करने की तकनीकें बताई जाएंगी।
चतुर्थ सप्ताह- आत्मरक्षा की रणनीति में स्प्रे,सेटी पिन, पेन जैसे संसाधनों के इस्तेमाल के अभ्यास के साथ कानूनी जानकारियां देना।
स्वयंसेवी संगठन या पुलिस कराएंगी ट्रेनिंग
केंद्र में छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाए जाने के लिए प्रशिक्षण मिलेगा। 25 से 50 छात्राओं के समूह में प्रस्तावित प्रशिक्षण नि:शुल्क रहेगा। इस खर्च कॉलेजों की अपनी विकास समिति या विद्यार्थी निधि कोष से वहन होगा। कॉलेज प्रशासन पुलिस या स्वयंसेवी संस्था से ट्रेनिंग कराएगा। एक माह के कोर्स के उपरान्त छात्राओं को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण कोर्स भी चरणबृद्ध रुप से करवाएं जाएंगे।
इनका कहना है
सरकार ने राजकीय महाविद्यालयों की अध्ययनरत छात्राओं के लिए रानी लक्ष्मी बाई केंद्र स्थापित करने की जो पहल की है, वह सराहनीय है। इससे छात्राएं जहां अपनी सुरक्षा करने में सक्षम होगी, वहीं निर्भीक होकर कहीं पर भी आ-जा सकेगी।
डॉ. संदीप यादव, प्राचार्य राजकीय कन्या महाविद्यालय बूंदी