स्वर्णनगरी जैसलमेर के प्रमुख बाजारों में आगामी नवरात्र स्थापना से लेकर दिवाली और उसके बाद मार्च तक चलने वाले पर्यटन सीजन के दौरान अच्छी ग्राहकी होने की पूरी उम्मीद है। हर बार सर्दियों के सीजन में बाजारों में स्थानीय व बाहरी लोगों की चहल-पहल से नजारा पूरी तरह से बदला नजर आता है। इस बीच शहर के बाजारों में कई समस्याएं ऐसी हैं जो स्थानीय दुकानदारों से लेकर वहां पहुंचने वाले ग्राहकों व राहगीरों के लिए असुविधाओं का बड़ा कारण बनती हैं। इनमें मुख्यत: स्वच्छंद घूमता गोवंश, सडक़ों पर किया गया अवैध कब्जा व अतिक्रमण, बेतरतीब खड़े वाहनों से लगने वाले जाम शामिल हैं। अहम बाजारों में शहर के सबसे प्रमुख हनुमान चौराहा से लेकर अमरसागर प्रोल, पुराना ग्रामीण बस स्टेंड, गीता आश्रम चौराहा, गांधी चौक, कचहरी मार्ग, जिंदानी चौक, सदर बाजार, गोपा चौक, आसनी रोड, गुलासतला मार्ग, मदरसा मार्ग, गड़ीसर चौराहा तक का क्षेत्र आता है। इन सभी बाजारों में सैकड़ों की तादाद में विभिन्न वस्तुओं की दुकानें व अन्य प्रतिष्ठान आए हुए हैं। जहां त्योहारी व पर्यटन सीजन के दौरान हजारों की संख्या में लोग रोजाना उमडेंग़े।
इन समस्याओं का करना पड़ता है सामना
शहर के सभी प्रमुख बाजारों में पार्किंग की उपयुक्त व्यवस्था नहीं होने से दुपहिया व कहीं-कहीं चार पहिया वाहन तक मनमाने ढंग से खड़े कर दिए जाते हैं।
बेतरतीब ढंग से खड़े वाहनों और दुकानों के आगे व आसपास किए गए अतिक्रमणों की वजह से बाजारों में दिन में कई बार जाम लग जाता है।
स्वच्छंद घूमते गोवंश से लेकर श्वानों की समस्या बाजारों में कई बार विकट रूप धारण कर लेती है। इन पशुओं के कारण यातायात प्रभावित होता है। ग्राहक परेशान होते हैं और दुकानदारों को भी दिक्कतें पेश आती हैं।
समस्याओं से मिले निजात
जैसलमेर के सभी बाजारों में वाहनों को कहीं भी खड़ा करने पर पुलिस का भय नहीं होने से लोग बाज नहीं आते। इससे पहले से संकरे बाजार और सिकुड़ गए हैं।
रंजन कुमार, दुकानदार
शहर के बाजारों में पशुओं की आवाजाही और उनके कहीं भी बैठ जाने की वजह से ग्राहक परेशान हो जाते हैं। उन्हें दुकानों तक पहुंचने में भी परेशानी पेश आती है।
चंद्रशेखर, दुकानदार