अलवर शहर के विजय नगर के मैदान में निरंकारी समागम हुआ। सतगुरु माता सुदीक्षा ने कहा कि जब ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करके आत्मा का नाता परमात्मा से जुड़ता है तो सभी प्रकार की भ्रांतियां, ऊंच-नीच का भेदभाव स्वत: ही समाप्त हो जाता है। फिर कोई भी बेरी या बेगाना नहीं लगता अपितु सब अपने ही लगने लगते हैं। फिर यह भावना बनती है कि ’ना कोई बेरी ना बेगाना सकल संग हमको बन आई’ और यह एक प्रभु परमपिता परमात्मा को जानकर ही संभव है। उन्होंने कहा कि अमन-प्रेम-भाईचारे एवं मिलवर्तन की भावना इंसान के मन में केवल एक निरंकार प्रभु को जानकर ही संभव है। इस अवसर पर लघु कवि दरबार के महात्माओं ने अलग-अलग भाषा में कविता प्रकट की। राजस्थानी सामूहिक गीत (लोकेश एवं साथी) आकर्षण का केंद्र बना रहा। राजा कुमारी का गीत भी बहुत पसंद किया गया। पावटा जोन के जोनल इंचार्ज बनवारी लाल ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर वन मंत्री संजय शर्मा ने सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया।