Dengue Dases in Kota: बारिश के बाद कोटा शहर में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। सितम्बर के बीते 27 दिनों में कोटा शहर में 82 केस सामने आ चुके हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र से 18 केस सामने आए। कुल 100 केस सामने आ चुके हैं। इस सीजन में अब तक 181 केस सामने आ चुके हैं। एक नर्सिंग छात्रा की मौत हो चुकी है, जबकि अगस्त में 28 डेंगू केस सामने आए थे।
डेंगू की रफ्तार चिकित्सा विभाग भी काबू नहीं कर पा रहा है। हालातों को देखते हुए विभाग ने माइक्रोप्लान के तहत शहर के डीसीएम, भीमगंजमंडी, बोरखेड़ा, शिवपुरा, छावनी-रामचन्द्रपुरा, बंगाली कॉलोनी, तलवंडी, इन्द्र विहार, संजय नगर को हाईरिस्क एरिया घोषित किया है। इस बार भी इन्हीं इलाकों से डेंगू मरीज सबसे अधिक मिल रहे हैं, जबकि डेंगू के विशेष अभियान में हाईरिस्क एरिया में होने वाले सर्वे में वॉलिंटियर्स की सेवाएं भी ली जाती हैं। विभाग ने 102 वॉलिंटियर्स की ड्यूटी हाईरिस्क एरिया में लगा रखी है। वहीं, मेडिकल कॉलेज ने सभी अस्पतालों में मच्छर रोधी वार्ड बना रखे हैं। वहां मच्छरदानी के सुरक्षा कवच में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
डेंगू का आंकड़ा 181, स्क्रब टायफस के 167 केस मिले
रविवार को डेंगू के 4 पॉजिटिव व स्क्रब टायफस के 3 केस सामने आए। बीते 2 दिन में डेंगू के 5 केस व स्क्रब टायफस के 7 केस सामने आ चुके हैं। शहर में जनवरी से सितम्बर तक 9 माह में डेंगू का आंकड़ा 181 पहुंच चुका है, जबकि स्क्रब टायफस का आंकड़ा 167 पर पहुंच चुका है।
हॉस्टलों में कूलरों की सफाई नहीं
कोटा के कोचिंग एरिया क्षेत्र में डेंगू के केस मिलने का सबसे बड़ा कारण हॉस्टलों में लगे कूलर हैं। यह काफी ऊंचाई पर होने से सफाई तक नहीं होती है। यही डेंगू के लार्वा पनपने का सबसे बड़ा कारण है। अब तक 18 केस सामने आ चुके हैं। रंगबाड़ी से 8, तलवंडी से 6 व कुन्हाड़ी से 4 केस सामने आ चुके हैं।
सितम्बर में यहां से सबसे अधिक केस आए
शहर
अनंपुरा – 12
भीमगंजमंडी – 11
रंगबाडी – 8
तलवंडी – 6
गोविंद नगर – 5
नयागांव – 5
छावनी – 4
कालातालाब – 4
कुन्हाड़ी – 4
पुरोहितजी की टापरी – 4
ग्रामीण
इटावा – 10
सांगोद – 3
सुल्तानपुर – 2
ये बोले जिम्मेदार
कोटा शहर में बीच-बीच में बारिश होने से घरों की छतों पर रखे कबाड़, टंकियों, मनी प्लांट व भूखंडों में पानी जमा हो रहा है। इनमें मच्छर पनप रहे हैं। विभाग ने स्वास्थ्य आपके द्वार कार्यक्रम चला रखा है। टीमें घर-घर कर सर्वे कर एंटी लार्वा एक्टिविटी कर रही है, लेकिन आमजन जागरूक नहीं हो रहे हैं। कई लोग टीमों को बिना एक्टिविटी के लौटा देते है, जबकि टीमों को सहयोग करने की जरूरत है। लोग घराें में रखे कूलर, टंकियों व कबाड़ को साफ कर लें।
डॉ. जगदीश सोनी, सीएमएचओ, कोटा
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