Jaipur News: जयपुर। दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा के दौरान यात्रियों को कंफर्म सीट मिल सके, इसके लिए रेलवे स्पेशल ट्रेनों का संचालन करेगा। साथ ही रूटीन ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि लंबी दूरी की कई ट्रेनों में बढ़ रही वेटिंग लिस्ट के चलते रेलवे ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। अक्टूबर माह में जयपुर से बांद्रा टर्मिनस, रांची, आसनसोल, हावड़ा, टनकपुर, गोरखपुर, पटना, सोलापुर, हरिद्वार, हैदराबाद समेत कई शहरों के लिए कुल 56 स्पेशल ट्रेनें संचालित की जाएंगी। साथ ही रुटीन संचालित ट्रेनों में 115 अतिरिक्त कोच भी जोड़े जाएंगे।
बता दें कि भारतीय रेलवे हर साल त्योहारों के समय यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए स्पेशल ट्रेनों का संचालन करता है। ऐसे में दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। यात्रियों के लिए अच्छी बात ये है कि कन्फर्म सीट के साथ—साथ उनकी यात्रा सफल और सुगम होगी।
यह भी पढ़ें: दिवाली से पहले रेल यात्रियों के लिए आई अच्छी खबर, राजस्थान में यहां भी चलेगी वंदे भारत ट्रेन
जयपुर से संचालित होगी 56 स्पेशल ट्रेन
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के मुताबिक हर साल दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर जयपुर से बड़ी संख्या में लोग उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर प्रस्थान करते हैं। हर साल त्योहारों के दौरान यात्रियों की भीड़ की वजह से अधिकांश ट्रेनों में दो-तीन महीने पहले से ही टिकट वेटिंग लिस्ट में चली जाती हैं। इसी को देखते हुए रेलवे की ओर से अक्टूबर माह में जयपुर से सभी रूटों पर कुल 56 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएगी। इसके अलावा लंबी दूरी की ट्रेनों में 115 अतिरिक्त कोच भी जोड़े जाएंगे।
यह भी पढ़ें: Monsoon Withdrawal: राजस्थान से मानसून की विदाई कब? आ गया IMD का नया अपडेट
इन रूट्स पर चलेंगी स्पेशल ट्रेन
रेलवे की ओर से अक्टूबर माह में जयपुर से बांद्रा टर्मिनस, रांची, आसनसोल, हावड़ा, टनकपुर, गोरखपुर, पटना, महू, सोलापुर, हरिद्वार, दौंड, संतरागांछी, डिब्रूगढ़, श्री माता वैष्णो देवी कटरा, तिरुपति, काचीगुड़ा, हैदराबाद, गौहाटी कोयम्बटूर सहित कई शहरों के लिए स्पेशल ट्रेनें संचालित की जाएगी।
यह भी पढ़ें: Good News: राजस्थान के ऐतिहासिक रेलवे ट्रैक का 150 साल बाद दोहरीकरण, भूमि अवाप्त की प्रक्रिया जल्द