टैफे ने मैसी फर्ग्यूसन ब्रांड के स्वामित्व का दावा पेश किया

एजीसीओ के खिलाफ अवमानना याचिका दायर

जयपुर. ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड (टैफे) और अमरीकी कंपनी एजीसीओ के बीच ब्रांड लाइसेंस को लेकर चल रहे मामले में एक नया मोड आया है। टैफे ने मद्रास उच्च न्यायालय में मैसी फर्ग्यूसन ब्रांड के स्वामित्व पर अपना दावा पेश किया है। टैफे ने एक बयान में कहा कि चेन्नई की वाणिज्यिक न्यायालय ने मैसी फर्ग्यूसन ब्रांड के संबंध में अंतरिम यथास्थिति का आदेश पारित करते हुए उसके पक्ष में फैसला सुनाया है। अत: किसी भी पक्ष के लिए 29 अप्रेल 2024 तक की स्थिति को बदलना अस्वीकार्य है और ऐसा करने का कोई भी प्रयास न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन होगा। इस मामले में टैफे ने अमरीकी कंपनी एजीसीओ के खिलाफ न्यायालय के आदेशों की अवहेलना के लिए चेन्नई में एक अवमानना याचिका भी दायर की है।

क्या है मामला: गौरतलब है कि टैफे भारत में ट्रैक्टरों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। 1960 में मैसी फर्ग्यूसन इंडिया के अधिग्रहण के बाद पूरा क्षेत्र टैफे के अधीन है। टैफे (TAFE) ने 2012 में एजीसीओ (AGCO) कॉर्पोरेशन में शेयरधारिता हासिल की और इसका सबसे बड़ा शेयरधारक और रणनीतिक दीर्घकालिक निवेशक बन गया। इससे कंपनियों के बीच सहयोगात्मक संबंध मजबूत हुए तथा टैफे (TAFE) और एजीसीओ (AGCO) ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे एजीसीओ (AGCO) को एक दशक से अधिक समय के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन मिला। टैफे का कहना है कि एजीसीओ की ओर से कॉर्पोरेट प्रशासन की खामियां, शेयरधारकों के साथ पूरी तरह से अपर्याप्त जुड़़ाव और ब्रांड उपयोग के संबंध में विवादास्पद सलाह देने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। जबकि एजीसीओ की वैश्विक ब्रांड वेबसाइट ने छह दशकों से भारत, नेपाल और भूटान के सन्दर्भ में मैसी फर्ग्यूसन का कोई उल्लेख नहीं किया है। टैफे (TAFE) ने 2012 में एजीसीओ (AGCO) कॉर्पोरेशन में शेयरधारिता हासिल की और इसका सबसे बड़ा शेयरधारक और रणनीतिक दीर्घकालिक निवेशक बन गया। इससे कंपनियों के बीच सहयोगात्मक संबंध मजबूत हुए तथा टैफे (TAFE) और एजीसीओ (AGCO) ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे एजीसीओ (AGCO) को एक दशक से अधिक समय के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन मिला।

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