धौलपुर. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) अध्यक्ष सतीश चंद ने शनिवार को दीप प्रज्जलित कर आमजन को सस्ता, शीघ्र व सुलभ न्याय दिलाए जाने के उद्धेश्य से राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया। लोक अदालत में राजीनामा से 3487 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव रेखा यादव द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निस्तारण के लिए मुख्यालय धौलपुर व सैंपऊ के लिए 5 तथा ताल्लुका मुख्यालय बाड़ी (बसेड़ी व सरमथुरा न्यायालय) पर 04 एवं ताल्लुका राजाखेड़ा स्तर पर 1 बैंच का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि जिले में विभिन्न न्यायालयों में लंबित 5003 प्रकरणों को चिन्हित किया गया। विभिन्न न्यायालयों में राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण 458 एनआई एक्ट के 52 धन वसूली के 5 प्रकरण, अन्य सिविल मामले 37 एमएसीण्टी के 44, वैवाहिक विवाद 37 बालकों की अभिरक्षा से संबंधित प्रकरण 2 भरण-पोषण 158 भूमि अधिग्रहण के मुआवजे से संबंधित प्रकरण 1 परिवहन सम्बन्धी विवाद 150 जनउपयोगी सेवाओ संबंधी विवाद 7 उपभोक्ता फोरम के 7 समस्त राजस्व मामले 1647 निरोधात्मक कार्रवाई के 790 इस प्रकार कुल 3391 लंबित मामलों का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में किया किया। इसमें कुल 38248816 रुपए राशि का अवार्ड पारित किया गया। इसके साथ ही प्री-लिटिगेशन के बैंक ऋण, टेलिफोन बिल के विवाद व अन्य सिविल विवाद के कुल 92 प्रकरण निस्तारित किए गए।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में 37 प्रकरणों का निस्तारण
धौलपुर की बैंच संख्या 2 के अध्यक्ष प्रीति नायक (न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण) ने बताया कि लंबित प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति से समझौता करा विपक्षीगण से पीडि़त पक्षकारों को अवार्ड राशि के लिए अवार्ड/पंचाट जारी किए गए। कुल 49 प्रकरणों को लोक अदालत के लिए रैफर किया गया जिनमें से कुल 37 प्रकरणों में राजीनामा के लिए पक्षकारान में समझाइश करवाई कर निस्तारण कराया। इसमें कुल राशि 21664000 रुपए के अवार्ड पारित किए गए।
बसपा प्रत्याशी रहे रीतेश ने विधायक कुशवाहा को नामांकन को दी चुनौती
विधानसभा चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंदी रहे बसपा प्रत्याशी रीतेश शर्मा ने विधायक शोभारानी कुशवाहा के नामांकन को लेकर राजस्थान हाइकोर्ट में चुनौती दी है। दायर रिट में उन्होंने चुनाव के समय दिए शपथ पत्र में तथ्य छिपाने का आरोप लगाया है। शनिवार को उक्त मामले में पूर्व चेयरमैन शर्मा ने प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि नामांकन के समय पूर्व विधायक अब्दुल सगीर की ओर से रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष उनके द्वारा दिए शपथ पत्र पर आपत्ति जताई थी। कहा कि इसमें छिपाए गए आपराधिक प्रकरणों के आधार पर विधायक शोभारानी के नामांकन को चुनौती दी थी। लेकिन आरओ ने आपत्तियों को नहीं मनाते हुए नामांकन आवेदन स्वीकार कर लिया। बसपा प्रत्याशी रहे शर्मा ने हाइकोर्ट में रिट दायर कर विधायक कुशवाहा के नामांकन को निरस्त करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि दायर रिट पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर विधायक से जवाब मांगा है। शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक न्यायिक निर्णय के जरिए आदेश दिया था कि प्रत्येक प्रत्याशी को अपने नामांकन में शपथ पत्र के माध्यम से प्रत्याशी पर दर्ज सभी आपराधिक मुकदमों की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
वर्धमान महावीर खुला विवि में परीक्षा आवेदन 15 अक्टूबर तक
वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के अकादमिक सत्र जुलाई 2024 के स्नातक, परास्नातक, व डिप्लोमा सहित सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश आवेदन की अंतिम तिथि 25 सितम्बर से बढ़ाकर 15 अक्टूबर की गई है। इसको लेकर निदेशक क्षेत्रीय सेवा प्रभाग ने प्रवेश की अंतिम तिथि विस्तारित का आदेश जारी किए हैं। क्षेत्रीय केन्द्र भरतपुर के निदेशक डॉ.जेके शर्मा ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जो किन्ही कारणोंवश अभी तक प्रवेश आवेदन नही कर पाए है। वे अब ऑनलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा संचालित यूजी, पीजी, सर्टीफिकेट डिप्लोमा, रोजगारपरक पाठ्यक्रम पत्रकारिता, कंप्यूटर, योग एवं एमबीए जैसे व्यावसायिक रोजगारपरक कोर्सों सहित सभी पाठ्यक्रमों में नए एवं पहले से अध्ययनरत छात्र ऑनलाइन माध्यम से उक्त तिथि तक विद्यार्थी किसी भी ई-मित्र एवं नेट-बैकिंग तथा क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन शुल्क जमा कर प्रवेश ले सकते है।