Bundi News: 600 साल पुरानी छतरी को लेकर गरमाई सियासत, राजेंद्र राठौड़ ने CM भजनलाल को पत्र लिखकर रखी ये मांग

राजस्थान के कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से बूंदी के राजा राव सूरजमल हाड़ा की छतरी तोड़े जाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है। राठौड़ ने कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा ध्वस्त की गई छतरी का यथास्थान पर पुनर्निर्माण करवाये जाने के मांग की है।

गौरतलब है कि बूंदी के राजा राव सूरजमल हाड़ा की छतरी तुलसी गांव में स्थापित है। यह करीब 600 साल पुरानी छतरी है। जिसे लेकर राजपूत समाज ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही 8 अक्टूबर को छतरी की जगह समाज को एकजुट होने का आह्वान किया गया है।

राठौड़ ने CM भजनलाल को लिखा पत्र

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने सीएम भजनलाल को पत्र लिखते हुए कहा कि ‘दिनांक 20 सितंबर को बूंदी जिले के पूर्व महाराजा राव सूरजमल हाड़ा की 600 वर्ष पुरानी प्राचीन छतरी को कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा ध्वस्त किये जाने से जनभावनाएं आहत हुई है। बूंदी के पूर्व नरेश राव सूरजमल हाड़ा ना केवल प्रजावत्सल राजा थे। बल्कि बलिदान के बाद वे समाज में एक लोकदेवता की तरह पूजनीय है रियासत कालीन छतरी सामाजिक समरसता एवं संपूर्ण भारत क्षेत्र की वीरता, शौर्य एवं गौरव गाथा की प्रतीक है एवं पवित्र भावनात्मक आस्था का स्थल है।’

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यथावत स्थान पर बने छतरी- राठौड़

उन्होंने कहा कि ‘इस संबंध में मैंने दिनांक 28 सितंबर को आपसे फोन पर वार्ता कर जनभावनाओं से अवगत करते हुए उसी जगह पर छतरी का पुनर्निर्माण करवाने की मांग भी रखी है। मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य सरकार द्वारा जन भावनाओं का सम्मान करते यथास्थान पर ही सूरजमल जी की भव्य छतरी वापस बनाई जाएगी।’

राजेंद्र राठौड़ ने आगे कहा कि ‘आपसे निवेदन है कि जनभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए ऐतिहासिक व गौरवशाली संस्कृति के प्रतीक बूंदी के पूर्व नरेश राव सूरजमल हाड़ा जी की भव्य छतरी का सनातन धर्म की परंपरा के अनुरूप यथास्थान पर पुनर्निर्माण करवाये जाकर अनुगृहित करावें।’

इन दिग्गजों ने जताया विरोध

कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा छतरी तोड़े जाने का बाद विवाद गहरा गया। रियासतकालीन छतरी को ध्वस्त किये जाने पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह, कोटा के पूर्व सांसद एवं राजपरिवार के सदस्य इज्यराज सिंह, बूंदी के ब्रिगेडियर (रिटा.) भूपेश सिंह हाड़ा और स्थानीय विधायक हरिमोहन शर्मा ने विरोध जताया।

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